与 «खिद्र»相关的印地语书籍
在以下的参考文献中发现
खिद्र的用法。与
खिद्र相关的书籍以及同一来源的简短摘要提供其在 印地语文献中的使用情境。
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The Sanhitá of the Black Yajur Veda - Volume 2
त्नटीयदृद्गवष: गुरेष्णुवाध्याभाज "र्वाडत्यद्द पवन्हिना" खिद्र' बिभर्षि प्टथिबि । प्न था भूमि प्रबलनि अच्छा जिनेंरषि मरिर्दनि" रति । ले मृथिवि त्व' पवैतानां सम्बन्धिन' खिद्र' ...
Mādhava, Edward Röer, Edward Byles Cowell, 1866
भूगिस्तो मे चैषा मरुपतीयणले क्क्क्कख्खीया ॥ धाo e... ५, I -N 1 स्से पr प्राथ कमT H वड़िया पर्वतानां खिद्र र्विभर्षि टथिवि । प्र या भूमि' प्रवत्वति मऋड़ा जिनोर्षि महिनि ॥ १ बट्। इथा ।
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Pashchatya Darshan Uttar-Pradesh-Rajya Dwara Puraskrit
... बुद्धि के सहज, स्का:खिद्र और सावध-म शान का आलि-डन करके द्वा१९दयानुभूति को हेय और प्रकृति-निरीक्षण को व्यर्थ समझता हुआ निगमन तर्कपद्धति द्वारा ईयर, जीव और जगत् के विवेचन में ...
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The Hymns of the Rig-veda in the Samhita and the Pada ... - Page 365
बछिया पवैतानां खिद्र बिंभर्षि पूथिवि। प्र या भूर्मि प्रवचति मुहूा जिनोर्षि महिन॥१॥ सोमांससवा विचारिणुि प्रर्ति टीभयुकुभि ॥ प्र या वाज नहेर्षर्त पेरूमस्र्यस्यूनि॥२॥
Friedrich Max Müller, 1873
अचेरार्षम् । 'बट्-इति सत्यनाम । 'इत्था'-इति श्रमुचेत्यर्थ: । हे 'पृथिवि' माध्यमिके ! 'सत्यं' यथाभूतम्, “श्रमुच' श्रमुशिन्त्रन्तरिचलेाके वर्त्तमाना, 'खिद्र' “खेदनं' 'छेदनम्'; येन पर्वताः ...
Yāska, Satyavrata Sámaśramí, 1891
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R̥gveda-Saṃhitā bhāṣā-bhāṣya - Volume 4
८४ J अत्रिकषिः । पृथिवी देवता ॥। छन्द:-१, २ निचूदनुष्टुप् । ३ विराडनुष्टुप् ॥ तृचं सूक्तम् ॥ बलित्था पर्वतानां खिद्र बिंभर्षि पृथिवि । प्र या भूमैिं प्रवत्वति मह्ला ज़िनर्षि महिनि ॥
Viśvanātha Vidyālaṅkāra, 1956
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Uṇādiprayoga yaśasvinī mañjūṣā
... मुद्रा खिद्र: छिद्रम् भिद्रम् मन्द्र: चन्द्र : बल दज: दध: उन्न: उत्स वाअ:/बाश्रम् और: हव: लिय शुभ्र', मुखम् चुस्त बह: वि.: आर तार (पीन- प्रापणे पद गती मदी हर्ष मुद हर्ष जिद दीये उम दैधीकरणे ...
Yaśodevasūrī, Rudradeva Tripāṭhī, 1987
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Atharvaveda saṃhitā bhāsạ̄-bhāsỵa: Bhāsỵakāra Jaẏadeva ...
हे (खिद्र:) शत्रुओं के खेदजनक, (यदि) जिस प्रकार से (पुरा चित्) पहलेभी (जरितार:) तेरे स्तुतिकत्र्ता (ते सुकूनम्) तेरे सुखकारी ऐश्वर्य को (आनशु) प्राप्त करते थे ॥ (नः) हमें भी (तत् वि ...
Jayadeva Vidyālaṅkāra, Viśvanātha Vedālaṅkara
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Paṇḍita Ṭoḍaramala: vyaktitva aura karttṛtva
डोर शास्त्री ने प्रेमीजी द्वारा लिखित उक्त नामो को स्वयं २रपात्मक खिद्र किया हँर| है परमात्म प्रकाश" से मोक्षमार्ग प्रकाशक का दूर का भी सम्बन्ध नहीं है अता उसके नाम के आधार पर ...
Hukamacanda Bhārilla, 1973
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Loka-vārtā vijñāna - Volume 1 - Page 483
देखें : परी-कथा है खिदर० छोर खिद्र -न्द वरुण का पर्याय । इसके प्रमुख अभिप्राय इस प्रकार है : नि-मतान राजा-रानी किसी सयाने की सलाह से वरुण की प्रार्थना, सन्तान-लाभ; एक सुन्दर राज ...
Haradvārī Lāla Śarmā, Uttara Pradeśa Hindī Saṃsthāna. Hindī Samiti Prabhāga, 1990