O QUE SIGNIFICA उकति EM HINDI
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Uqati Pu Woman 0 [Sem comentários] Dê 0 'Discurso' U-tan subaran Subarban Baran Subaran Ukati Uchhah Dhani Subrahmanyay Hai Desejo de Subarna. - Pazkar Grams, p. 106 उकति पु संज्ञा स्त्री० [सं० उक्ति] दे०
'उक्ति' । उ०—तन सुबरन
सुबरन बरन सुबरन उकति उछाह । धनि सुबरनमय ह्वै रही
सुबरन ही की चाह ।—पझाकर ग्रं०, पृ० १०६ ।
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10 LIVROS EM HINDI RELACIONADOS COM «उकति»
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उकति na seguinte seleção bibliográfica. Livros relacionados com
उकति e pequenos extratos deles para contextualizar o seu uso na literatura.
1
The Prithirāja Rāsau of Chand Bardai: fasc. 1. Tanslation ...
Canda Baradāī, August Friedrich Rudolf Hoernle John Beames. तंत मंत, उचार ॥ देवि दरसिय मझि हच्चिय ॥ तंत बीर जयंत ॥ रंग राजन सुष दाईय ॥ बाल केवल प्रत्यंग ॥ सुरनि उड्ररि कविताईय ॥ अवलंब उकति जज्बार ...
Canda Baradāī, John Beames, August Friedrich Rudolf Hoernle, 1873
2
Saṃkshipta Pṛthvīrāja rāso
अवलंब उकति उग: करि: । जिहित मोहि कोशिश रहै ।: सम गम या सउद कहुँ । कयों उचिष्ट कडियन कई ।।४।। 1. कवित्त ।। अम वनिता बर बीई । चंद जीपेय कोमल कल 1. मबद ब्रह्म इह सति : अपर पावन कहि निर्मल ।
Canda Baradāī, Hazariprasad Dwivedi, Namwar Singh, 1961
3
Hindī Sūphī kāvya kā samagra anuśīlana
इनके प्र-गार और शान्तरस के चित्रण अत्यन्त सुन्दर हैं : इन्हें अपनी उक्तियों की मौलिकता पर अभिमान, जो यथार्थ है : 'मथन ग्रन्थ करिहै जो कोई : वाकी उकति न कहिह सोई ।." (कथा कैवलावती) ...
4
Hindī sāhitya kī kucha bhūlī bisarī rāheṃ
जिसी उकति सुकमी मुखकरी, बुध समानु तिसी मैं धरी । । कीनो सरस परगासु, कीन्ही चरितु नल नरपति व्यासु । ।४५३ । । वियोग खण्ड के अन्त में पुन: इसी प्रकार की पंक्तियां आती है :उकति मांहि ...
5
Hindī sāhitya kā br̥hat itihāsa - Volume 4
पै दिन डिग उयों य, तै२से भाषा उकति विग ।। उकति भली भाषा में आये, तो यह सोना सुगंध कहह । उकति विषेष सहि के जानहु, भाषा जो आये सो मानहु ।। ४ ४ ४ ४ संयत ग्याररे विलायत, गद्य मिलाय के ...
6
Paṃ. Gaṅgāprasāda Agnihotrī racanāvalī: kucha cune hue ...
विश्वनाथ कवि ने का-य की व्याख्या में जो कुछ कहा है वह भी ध्यानास्थ करने योग्य है--उकति जुगल करि उपमा विकार चारु तुक निरधारि शुभ अक्षय कीजिए । बद दृढ़ बन्दकरि अरथ अनूप धरि यमक ...
Gaṅgāprasāda Agnihotrī, Harikr̥shṇa Trīpāṭhī, 1990
7
Samayasara nataka : bhashatika sahita
... भ्रममें भूले हुए हैं ।शि२११९ व्यवहार-लीन., परिणाम (दोहा) लीन भयौ निहारने उकति न उपजै कोद है बीन भयौ प्रभुपद जपै, मुकति कहासौ होह ? ।।२२१९ शब्दार्थ प्र-- लीन-टा-मंन है उकति=भेदज्ञान ।
8
Ashṭachāpa aura Vallabha-sampradāya: eka gaveshaṇātmaka ...
मधुरावाली प्रति की आरमिमक पंक्तियाँ इस प्रकार है :एक समै मन मित्र मोहि यह आज्ञा दीनी यश ते मति उकति जोग लीला में कीनी सिव सनकादिक सारदा, नारद सेस महेस देह बुद्धि वर उर्द कर ...
छेपाया है : ल-केके एव" अशी' लवण-दोश कहनाय उन कोक की, (तोक उकति सी जान ' जहाँ कहत उपमान दृष्टि, लेक उकति तेहि आन श्री१र पर्थ-जहाँ ( काव्य में ) छोकोखी आये वहाँ सोकोकि अलंकार ...
Bhūshaṇa, Rājanārāyaṇa Śarmā, 19
10
Gujarāta k e Hindī gaurava grantha
९ ।1 ( १० ) उकति उपाई एती उमर गुमाई कप, । कीनी न कमाई काम भयो न भलाई को 1: औधी जब आई तब कौन है साल भाई । राई भर कबु न बसाई ठकुराईको 11 आई पहुँचाई पछताई माई बाई जाई । दृश्यों नातों टूटणे ...