KSIĄŻKI POWIĄZANE ZE SŁOWEM «उपट्ट»
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उपट्ट w następujących pozycjach bibliograficznych Książki powiązane ze słowem
उपट्ट oraz krótkie ich fragmenty w celu przedstawienia kontekstu użycia w literaturze.
1
Vinayapiṭake Vinayasaṅgaha-aṭṭhakathā - पृष्ठ 50
... सब्बं तस्स गीवा, भण्डागारिकेन पन अवसेसथेरेहि च सहायेहि भवितब्बं | अथ भण्डागारिकोव लोलसामणेरे च उपट्ट के च गहेत्वा भण्डागारे निसीदति चेव निपज्जति च, यत्तकं नस्सति, सब्बं।
2
Rājavaṃśa, Maukharī aura Pushyabhūti
उस का नाम उपट्ट (धुवभदु) था । कुछ समय पूर्व उस ने बौद्धधर्म ग्रहण कर लिया था । वर्ष में एकबार वह 'मह.' करता था और सात दिन तक श्रमणों को बहुमूल्य रत्न", व वस्वाभरण आदि दान में देता था ।
Bhagwati Prasad Panthari, 1973
3
Udayarāja racanāvalī - व्हॉल्यूम 1
... के पावन-परिणय के शुभ अवसर पर - ।' ३ पं क्या यह सच है ? "'हाँ-हां, सच है सच ! कठोर सत्य । उपट्ट ! '''' "वह निमन्त्रण-पत्न हृ 1य से छूट कर जमीन पर गिर जाता 1 फिर दूसरा निमन्त्रण-म हाथ में आता ।
Udayarāja Siṃha, Sureśa Kumāra, 1991
4
Jaina darśana aura anekānta
'गोतम है दृमपट्ट का रह डाय" कहलाता है या शत उपट्ट दुम-पट्ट कहलाता ' है 7 'पूति ! दुत्यपट्ट का खंड उयपट्ट नहीं कहलन (.9 हुयपट्ट दुम-पट्ट कहलाता है । है 'गोतम । आयुध का रह आयुध कहलाता है या ...
Mahāprajña (Ācārya), Nathamal (Muni), 1999
5
Padmākara kī kāvya bhāshā kā śailī vaijñānika adhyayana - पृष्ठ 44
मलर लई उछाल (न्ललकि सु जाल यलहरत । 6 (8) अदु हैरत उपट्ट हिक न समिट्ट दुरि उर । जोकि क्कद अकवडिक कमठ सुर्ताकी क्करिकर ।। उच्च चकित दरिबिचच्चर अरि लरिच्च चटपट । कास सतह न सरस (समिट सू अस्त ...
Oṅkāranātha Dvivedī, 1996
6
Suttapiṭake Majjhimanikāyapāli: Mūlapaṇṇasakaṃ - पृष्ठ 217
तुम तो भगवान, के अनुचर ( उपट्ट'क ) हो, दिन-रात उनकी सेवा में लगे रहते हो । आनन्द ! यह गोप्रयासालवन अत्यन्त रमणीय है रात सुहावनी है : पंक्तिबद्ध रूप में ये सभी सालवृल फूले-फले हैं ।
Dwarikadas Shastri (Swami.), 1989
7
Antatogatvā: kathā saṅgraha
मा मातेर र्भातारिरहेछ यों जिन्दगी है आज किन सि1नातान आरिरहँछ यो जिन्दगी । उपट्ट 1 नाङ्ग३1 सडकमा नाङ्ग३1 दृलिरहैंछ- आज जिन्दगी । भोकाएको व्यवत गने नसकी कर्कशलान्दी वातावरण ...
8
Hitaishī Nepālī śabdakośa
आधिपसरा गने-नौकर-अवलम्बी-अनुगत, अकांको सहाराले जीविका चलता चाकर । उपजाति- आद्यज्ञान, प्रथमो पश्चिमी सुईको । उपट्ट- आधिक्य, अतिशय, चौपट्ट, धेरै, बता । उपत"-- रोग, पीडा, वे'बिगी, ...
9
Sagata-rāso - पृष्ठ 104
भविसणि सुर अलारट भाषे, जब्बर जट्ट व भट्ट जिओं 1: रिण तदु उपट्ट भालू स रूका, आइ पहल विनदु धड़े । सकताउत रौद घड़ा (मरिम' है जरिए सूरिज2 जोध जुड़े ।।२६६।) अथ' युद्ध करने के लिये योद्धा ...
Giradhara Āśiyā, Hukamasiṃha Bhāṭī, 1987