CO OZNACZA SŁOWO रुनित
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Definicja słowa रुनित w słowniku
Runeet Pu v. [Routine] Sformułowanie Dzwonienie Krzycząc A- Krok po kroku Jutro - Sur (słowo 0). (B) Zmniejszono Runut Bhatung Darowizna Przedmiot Neer. Powolny i ciągliwy wiatr kręcąc Kunj Samir .- Bihari (słowo 0) Rune Jhunit Pu V. [Anu] Robiąc runzhun Dzwonienie U-Nupur runit zunit kanana karna hoori churi milai baazai .- Bharatendu Grant, Bhartendu GR रुनित पु वि० [सं० रुणित]
शब्द करता हुआ । बजता हुआ । झनकार करता हुआ । उ०—(क) चरण रुनित नूपुर कटि किंकिणी
कल कूजै ।—सूर (शब्द०) । (ख) रुनित भृंग घटावली झरत
दान मद नीर । मंद मंद आवतु चल्यो कुंजर कुंज समीर ।—
बिहारी (शब्द०) ।
रुनित झुनित पु वि० [अनु०]
रुनझुन करता हुआ । बजता हुआ ।
उ०—नूपुर रुनित झुनित कंकन कर हार चुरी मिलि बाजै ।—
भारतेंदु ग्रं०, भा० २, पृ० ४४६ ।
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KSIĄŻKI POWIĄZANE ZE SŁOWEM «रुनित»
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रुनित w następujących pozycjach bibliograficznych Książki powiązane ze słowem
रुनित oraz krótkie ich fragmenty w celu przedstawienia kontekstu użycia w literaturze.
1
Bihārī: kavi aura kāvya
है पवन रुनित रग धववली लत दान मधुनीर : मंद मंद आवत चस्वी कुंजर कुंज समीर : ।६०८१: रुनित==(सं० रणित) बजती हुई । दान-च.) हाथों का मद : पधुनीर== (गौ०) मकरी । कुंजर-च-जि) हाथी : भ्रमरों के गुंजन से ...
Vihārī Lāla (Kavi.), Harendra Pratāpa Sinahā, Jagadīśa Prasāda Śrīvāstava, 1963
2
Braja kī rāsalīlā: rāsalīlā sambandhī itihāsa, kalā, aura ...
नांचत मोहन संग राधिका, बज जुवतिन के जूथ लियों है वक्ष परस्पर जोरि प्रेम बस, मुदित गंड पर गडि विर्ष ।हे कंकन कुनित रुनित वर नूपुर, सुनत भवन खग उपरनियों : सुधर संगीत प्रवीन नागरी, तिरप लत ...
Prabhudayāla Mītala, 1983
शब्दार्थ-गहि गहि के पकड़-पकड़ : अगनित हुड बहुत अधिक : रुनित ब, ध्वनित । बिक्रियान = सुहागिन स्तियों द्वारा पैरों की अँगुलियों में पहना जाने वाला आभूषण । भक्ति भये = प्रकट हुआ ।
Gurudatta Siṃha Bhūpati (King of Amethi), Raṇañjaya Siṃha, 1987
4
Bibliotheca Indica - Page 1
उम/पता उद्या-र चन यब हुनय९षेत्जि] । कुश चन्द बाब म प्रस्थान: । उम य"] व निचीयजुचज्ञ पते । नईलरि.रुनित" सूति । दना-तागों गोवा" पुरुष"" चजिनि-' बन चाचवगोथसया नाई यद्यालबनोवारेंभेव अप व्यय., ...
Asiatic Society (Calcutta, India), 1855
सौन्दर्य-सरोवर की वह एक तरंग किंतु नाहीं चंचल प्रवाह उद्दाम वेग संकुचित एक लकी-जत गति है वह प्रिय समीर के संग 1 ---निराला (भा शीर्षक कविता : 'परिमल' ३० रुनित भू-ग-घ-परी अत दान ममुनीर ।
Muralī Manohara Prasāda Siṃha, 1964
... पदावली अत्यंत कोमल हो गई है । अनुप्रास के द्वारा कवि ने अभिनव संगीत की छटा दिखा दी है । शब्दन से संगीत जैसे स्वत: ही फूट रहा है : १. चरन रुनित नूपुर, कटि किकिनि, कंकन करतल ताल है ...
Rāmasvarūpa Ārya, Girirāja Śaraṇa, 1976
7
Braja līlāoṃ kā sāṃskr̥tika adhyayana
मुकुट-मंजुल अलक रलक कुंडल झलक, ललक लखि विमल गंड स्वलिन दृग चलत । मधुर-रस-ऐन कल वैन यई-थई करत, दैन मन नैन की चेन हिय में सका 1, रुनित द्वार कुनो, किकिनी कलित कल, ललित बनमाल मधुजाल ...
Govinda Śāstrī, Premanārāyaṇa Śrīvāstava, Umāśaṅkara Dīkshita, 1974
जो चन्द्रमा जैसी और यह राज मंडली चंद्रमा के परिवेष ( चन्द्रमा के चारों ओर का उयोतिमय वेरा ) सी जान पड़ती है : सुरति वर्णन दोहा सुरति सारिवकीभावमसि, मसित रुनित यर । हाव, भाव, बहि ...
Keśavadāsa, Lakshmīnidhi Caturvedī, 1966
9
Brajabhāshā ke Kr̥shṇakāvya meṃ mādhuryya bhakti: Vikrama ...
... स्याम स्थामा बर बिहरत वृन्दाबन चारी : रूप काम बन विभव महिमा रटत बन्दि श्रुति मति हारी 1: पद विलास कुनित मनि नूपुर रुनित मेखला कुनकारी : गावत अक भेद दिखाया नाचत गति मिलत प्यारी ...
10
Bhāratēndu-grantāvalī: Bhāratēndu Śrīhariścandrajī kē ... - Volume 2
अंचल उम इंस गति चंचल कर से मंगल थारी ।। पीत बसन कटि कसना रसन अवि रमनि कहीं किमि गाई । दामिनि मैं संध्या-धन छाये फिरि दामिनि अढाई 1. नूपुर रुनित झुनित कंकन कर हार चुरी मिलि बाले ।
Hariścandra (Bhāratendu), Braj Ratan Das