मराठी मध्ये आंवि म्हणजे काय?
मराठी शब्दकोशातील आंवि व्याख्या
आंवि(वीं)स, आविस—न. १ आमिष; लालूच; 'न धावे
अर्थ कामाचिया आविसा ।' -भाए २५९; 'आविसासाठीं फासा
मान । पाडी धनइच्छा ते ।' -तुगा १०३६. २ मांस आंवींस आरो-
गिलें, उडाला ।' -उषा. ८५४. [सं. आमिष]
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वैकु बाना दफ्तर विटिन आउ त उ बाट पर खत- हर्ष जाट देवक कि (रिहाई होत बाबा कुर्ता कि न : 'चिन्ता 'उम----------, करिम [मबण लव । उन कैन मैं-म लया त (८) आंवि : शेक्सपीयर न कली बोलि त छ कि, "ही हु-गौस ...
हुआ है-यह विकार तो ध्वनि सम्बन्धी है, पर वत्स: का 'बष्ठड़ा होने 'में विसर्ग के स्थान में आ प्रत्यय लगा, फिर स्वीलिग में ई (बहुरि) तथा बहुवचन में ए (बय ) आंवि के जो परिवर्तन होते हैं ...
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Abhisheka: aitihāsika nāṭaka
... बाध, बारहसिंहा, हरिण आदि वन-पशुओं के सिर भी यत्र-तत्र कल की दीवारों पर शोभित है : बप्यारावल, महा' संग्रामसिंह आंवि मेवाड़ के पूर्व महाराणाओं के बडे-बडे सैल-नि, एक लधु सिंहासन, ...
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Proceedings. Official Report - व्हॉल्यूम 266,अंक 1-7
... वाले मुकदमें : आ३ १---श्री रघुबीर-हाथ कैथवार--ह क्या सरकार को ज्ञात है कि श्री अस यह, दम" कोतवाली, पधिपुर बनाम रघुबीर सहाय आंवि आरा १८६ साजरिरात हिन्द के इस्तगासे से का जो मुकदमा ...
Uttar Pradesh (India). Legislature. Legislative Assembly, 1966
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Jagadīśacandra Māthura kī nāṭyasr̥shṭi - पृष्ठ 75
औ) श्री बवाल पब स्थान पर स्वयं लिखते हैं कि नाटक केवल नाटक होता है है इतिहास, पुराण आंवि नाट/विया में आकर बाना रूप वैसे कदर बदल लेते हैं कि उनका स्वल्प अस्तित्व ही समाज हो जाता ...
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Nirālā racanāvalī - व्हॉल्यूम 1 - पृष्ठ 122
... का जिक्र करते हुए पूछा, वह कैसी हैं, उनका लड़का विलायत से लौटनेवाला था, लौटा या नहीं ; उनके पोते की शादी होनेवाली बी, किसी कारण से रुक गयी थी, वह शादी होगी या नहीं, आंवि-आवि ।
Surya Kant Tripathi, Nandakiśora Navala, 1983
बस-ब मेद हो (सो) पंचाताना व्यक्ति : किरोंसे (स) कृषि, फसल । मर (वि-) गोया (क्रि.) मोटा बनाना : किस (क्रि] खरीदना, क्रय करना : उ-स अपु (जि") खरीदकर लाना : म आंवि (सा) विवाह, जिसमें वधु-मूल्य ...
Braja Bihārī Kumāra, 1982
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Ṛgveda: with the Padapāṭha and the available portions of ...
६७ भवन्ति भूने ७-७० च आंवि मुरुयन्ते वृत.: भेंकृहानमकैवा१रे मैं-रज शुजमिन्दैर । हैर-चास-हुम:] मू/नातं-ल (मेदगे-ह है च-य-, नास्ति" थे हैये च खा' अजू. १४१६ ऋविड़े सभाये [ अ ले, अ पै, ब ११०.
Skandasvāmin, Udgīthācāryya, Vishva Bandhu Shastri, 1963
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Samyaksambuddha nirbāṇa mārga: jīvana saphala
... आत्मा अह छम्ह बै अब आस्था 'लैच छम्ह देब मबक-लव ०निरालम्ब मैंरांस्था आत्म, है मदुम्ह उबी प-निस, : गुम्ह नित्बीध"१थ निरालम्ब निर आत्मांम्ह श्री आंवि बुद्ध स्वयम्भू धर्म आतुस लीन ...
Jogamuni Bajrācārya, 1979