हिन्दी मध्ये किमखाब म्हणजे काय?
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हिन्दी शब्दकोशातील किमखाब व्याख्या
किमकब नाम मानक [[एफ 0 कामवभ] एक कापड यू-मग अमर कसे आपण दिले जेव्हा मी भरपूर रक्त देतो, दक्षिणोत्तर 0, पी 1 171 किमखाब संज्ञा पुं० [फा० कमख्वाब]
एक कपड़ा । उ०—सो अमर
दिया तेरे अमल कूँ । किमखाब दिया जबून कमल कूँ ।—
दक्खिनी०, पृ० १७१ ।
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«किमखाब» संबंधित हिन्दी पुस्तके
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1
Yuga-yugoṃ meṃ Kāśī - Page 206
प्राचीन काल में वस्वीद्योग के अन्तर्गत किमखाब ( जरी से अलंकृत वस्त्र ) का महत्वपूर्ण स्थान था । डॉ० वासुहेव शरण अग्रवाल- ने किमखाव शब्द को पार्थियन बताया है । वैदिक ग्रन्थोध ...
Thakur Prasad Verma, Devī Prasāda Siṃha, Jayaśaṅkara Miśra, 1986
2
Chambers English-Hindi Dictionary - Page 148
दिन-दहाड़ प्रभा"" अ- किमखाब, जरीदार कपडा, जरी का काम, जरी; य, 1"०व1टा1 जमींदार; जरीदार कपडे पहने हुए क" 1प्रि०ज्याधि प्र: प्र1प: (11111( प्र1(३1) 1भा००से र'.. मूल विधि, आधारभूत सिद्धान्त ...
Sureśa Avasthī, Indujā Avasthī, 1981
3
Varanasi aur Bharatya Rashtriya Congress - Page 9
किम-खाब, किते-क के कपडे और कसीदे का काम वाराणसी का पुराना शहर प्रारस्थिक काल से ही अपने सुन्दर किमखाब और सि१ल्कि के कपडों के लिए प्रसिद्ध रहा है । आज भी वह उज्जवल परम्परा यह: पर ...
Rāghavendra Pratāpa Siṃha, 1987
गजनबी ने जिन वस्तुओं को लूटा था उसमें किमखाब भी था।८२ मुगलकालीन महलों एवं दरबारों को सुसज्जित करने में वाराणसी के वखों की महत्वपूर्ण भूमिका थी। बिटिया काल में महारानी ...
5
Rājasthāna, Gujarāta, evaṃ Madhyapradeśa kī chapāī kalā kā ...
हो सकता है कि यह किमखाब है । कित बात की दूध से उसी तरह की का किमखाब, आई और यहीं दीवार में भी वनी थी । उ-पती की भांती में पापी (गु-लाता), गुलाब, गेंदा, नरगिस और सोसन के फुल एवं पेधि ...
6
Rītikālīna Bhāratīya samāja: rītikālīna Hindī kavitā meṃ ...
... छोटा रंगीन वस्र पसमी कंबन जरदोज, मुकेहीं दाना-केती मुसन तापना बावतबचा मानकचन्दी चीखने किमखाब, खादी आणि वस्त्रों के अनेक प्रकार थे जो तत्कालीन बाजारों में प्रचुर परिमाण ...
... उसी से संस्कृत स्तवरक बना और उसी से फारसी उस्तक्स्रशब्द निकला है अरबी में इसी का रूप इत्तला हुन जिसका अर्थ है भारी रेशमी किमखाब है १ इस शब्द का प्रयोग कुरान में स्वर्ग की हुरों ...
Vasudeva Sharana Agrawala, 1964
8
Dilli Ki Khoja - Page 150
इस पर किमखाब का शामियाना तना रहता था । भवन के खम्भों पर किमखाब और जरी-दही की साटन लपेटी जाती थी । तमाम बडे-बडे कमरों के सामने शामियाने ताने जाते थे । फर्श बेशकीमत कालीनों ...
Brijkrishna Chandiwala, 1965
... बाबू की महजारी हुसी ऐसे फटेहाल न जाया करों बाहर : पर उन्हें तो हमारी बदनामी कल में-."' 'भूले-बिसरे विधुर से-थ किमखाब और मबमल, ई पिस्ताबदाम और है सब मेवा, अगर ई सब सौगात हुई सकत है ...
Jagadīśanārāyaṇa Caube, 1983
10
Adhunik Sahitya:Mulya Aur Mulyankan - Page 126
... है" (43) जैसे वाक्य में यथार्थ का बेझिझक सामना करने का साहस और उसे बेबाक, दो टूक कहने की यनगी के बाद जब "दिवाकर का हाथ ओस-भीगे किमखाब पर फिसलने लगता है" और फिर "झिलमिल रेशम में ...
नवीन गोष्टी ज्यामध्ये «किमखाब» ही संज्ञा समाविष्ट आहे
खालील बातम्यातील आयटमच्या संदर्भात राष्ट्रीय आणि आंतरराष्ट्रीय पत्रकार कशाबद्दल बोलले आहेत आणि
किमखाब ही संज्ञा कशी वापरली आहे ते शोधा.
मिशेल ओबामा के लिए सोने-चांदी जरी वाली सवा लाख …
कोई उनको किमखाब तो कोई ब्रोकेड और कोई असली जरी की कढुवा बनारसी भेजने के दावे कर रहा है। पर कोई यह नहीं बता रहा है कि ये साड़ियां उनसे मंगाई किसने है, अमेरिकी दूतावास या भारत सरकार ने, और उनको किस पते पर भेजा गया है। कारोबारियों के इन ... «अमर उजाला, एक 15»
शिव से गौरी ना बियाहब..
रेशम और किमखाब वाले कपड़ों के क्या कहने। विश्वकर्मा जी ने रच-रच कर एक मंडप भव्य बनाया है (कई योजन का)। गली-गली केवड़े की गम-गम, कदली वृक्षों की छाया है। रेशम के धागों में गूंथे बंदनवार सजीले हैं। दप-दप करते रस्ते भी दपर्ण की तरह चमकीले हैं। «दैनिक जागरण, मार्च 13»