«मरीच» 관련 마라티어 책
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Ashtanghridayam Of Shrivagbhattavirachitam Sarvangsundri ...
व्यथा-र-मजब शपथ में अनिता न गो, परन्तु पुरीष-ध हो तब सोय मरीच, पीपल, निजात, दन्तीम८ह तथा चित्त।मद्याल के योग से सिद्ध- किया गया दूध पीवे । अथवा भी का अथवा मैंस कया मर समभर्तिना दूध ...
देवकी तुम्ही दूर सारता आता हा अग/चि माइरा आधार ठरक/ महान ती झटक्याने यशलंडाकते धावली तिचे आप्तजन हताशा/गे हाहाकार करीत अहित तोच मरीच] व[च्छारयासाररद्वा उठाना आधि त्याने ...
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A concordance to the principal Upaniṣads and Bhagavadgītā: ...
अभी मरीचीर्मरमाप: ब-ब अन्तरिक्ष" मलप: 1- नक्षवाणि वयांसि मरीच: स प्रतिहार: 1 . मरीच: मुवा: 31. भानवीयात्ए मजिय: 2. यथा ज . मरीचयो ययाति यह गा-लम: आमरीचि 21. मरीचिर्मरुनामसिंम मर तक 1.
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Rasendrasara--Samgraha Of Gopalkrishna Bhatt
थोगरत्नाकर में इसी पाठ के अरिनकुमार से पूर्व एक अग्निकुमार रस कहा है उसमें कौन भरम और क्षखभत्म दो-यों भाग है : पारद च विवं ग-नां टइल समभागा: है मरीच-मागा: ज तौ शबर.: ।९ १ 'रसेन गम थो० र० ...
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Manu Sanhita - व्हॉल्यूम 1
विधिवरजाभास मरीच." य/रिसी पूरा " दृवंशाखभिति । ना, अभ दर प्र" कृत्वा उच-श, भाभी विधि-स-जाव-जाता चुडा९९नाकापतवान्। (जन्तु मरीच-दरो-विख्यात् नत अत-ले-ग्य जान कलमा-पदेश: ।
Keśava Vishṇu Belasare, 1965
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Śrībhāvārtharāmāyaṇa - व्हॉल्यूम 1
है नवि ऐकत: रघुनाथा है मरीच-ते २प्राणति अवस्था : बोलन चालन क्ष-टली वार्ता है तेणे संकानस्था आश्चर्य है है २ २ है । मरीचि महाबीर शूर है ३रणरंगी रणधीर है योद्धरुन माजी मुख्य जु-झार ...
Ekanātha, Śã. Vā Dāṇḍekara, 1980
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Kr̥shikośa: bhāshāvijñāna ke siddhāntoṃ ke anusāra Bihārī ...
पयों०--मरीच (बर-), मरिच (चल) : [ बोल-नि-मिलि": गोल मरीच ] गोलरी-(सं०) रबी की बाल का पका हुआ टूक" जो पीटने-झाड़ने पर भी अनाज के अंश के समय रह जाता हैं है पर्मा०-गोलुओं (मग-षा : [ देश ] गोला---.
Viśvanātha Prasāda, Śrutideva Śāstrī, Rādhāvallabha Śarmā, 1900
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Tulasīkr̥ta Vinayapatrikā evaṃ Tyāgarāja kīrtana meṃ ... - पृष्ठ 172
'अलक कत्लनाडगा गाधि' नामक कीती में वीरता पूर्वज राक्षस मरीच के साथ युद्ध करने वाले सुकुमार राम का वर्णन है । ही विश्वामित्र मरीच के वध के समय भी राम के सौन्दर्य से मुग्ध होकर ...
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Jaina dharma ke prabhāvaka ācārya - पृष्ठ 165
जायं पादलिप्त के चुहबल एवं विद्याबल से वरेश कृष्ण और उसकी सभा के विद्वान अत्यधिक प्रभावित थे । राजा के जाह से जायं पादलिप्त के समय तक मानती नगर में विराजे । एक बार मरीच के आबद्ध ...
Saṅghamitrā (Sādhvī.), Lalitaprabhā (Sādhvī.), Śīlaprabhā (Sādhvī.), 2001
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राम-रावण युद्ध शुरू होने से पहले मिलन व संवाद का दौर
रावण-मरीच संवाद के दौर के बाद सीता का हरण हो गया। इस बीच जटायु का वध हो गया। राम सबरी से मिले। सोमवार को हनुमान मिलन होगा। राम व सुग्रीव मित्रता के बाद बाली का वध होना तय है। इसके बाद रावण-सीता संवाद, हनुमान-सीता संवाद, रावण-हनुमान संवाद ... «दैनिक जागरण, 10월 15»
शबरी के जूठे बेर खाकर दर्शाया प्रेम
मरीच स्वर्ण मृग बनकर पंचवटी जाता है, माता सीता के आग्रह पर श्रीराम स्वर्ण मृग की छाल प्राप्त करने के लिए उसके पीछे जाते हैं। मारीच के राम की आवाज में विलाप करने पर सीता की आज्ञा से लक्ष्मण उनकी सहायता के लिए जाते हैं, इतने में रावण साधु ... «दैनिक जागरण, 10월 15»
राम वनवास देख फूट पड़ी अश्रु धारा
श्री रामलीला मेला मैदान में कलाकारों ने ताड़का वध अहिल्या उद्धार विश्वामित्र द्वारा श्री रामलक्ष्मण को मांगना, मरीच सुबाहु दरबार आदि लीलाओं का सजीव मंचन करके दर्शकों को भावविभोर कर दिया। नवरात्र के उपलक्ष्य में मां दुर्गा की ... «दैनिक जागरण, 10월 15»
दर्जनों गांवों में रामलीला का मंचन शुरू
इस मौके राजा दशरथ दरबार, श्री राम जन्म, गुरू विश्वामित्र- मरीच संवाद जैसे अनेकों कार्यक्रम प्रस्तुत किए। इस मौके प्रधान राकेश शर्मा, डायरेक्टर मदन लाल, बाल कृष्ण मेहरा, देव दत्त महाजन, मास्टर चमेल सिंह, डॉ. विजय कुमार, विजय महाजन, संजीव ... «दैनिक जागरण, 10월 15»
सनातन धर्म एक वट वृक्ष, बाकी उसकी शाखाएं …
ऋगवेद व महाभारत का अध्ययन करे तो पता चलता है कि मरीच आदि की धर्मपत्िनयों के गर्भ से देवता, राक्षस, मानव ही नहीं, सर्प गाय आदि की उत्पत्ति भी हुई। विश्व का इतिहास हमारे पास है। आज के वैज्ञानिकों से कोई पूछे कि पृथ्वी, पानी, पवन, आकाश की ... «दैनिक जागरण, 10월 15»
मैं सूर्पणखा हूं
... कन्या केकसी की लाडली पुत्री, दिग्विजयी रावण, महापराक्रमी कुम्भकर्ण, सौम्य विभीषण की भगिनी, धनेश कुबेर की चचेरी तथा खरदूषण की मौसेरी बहन, विद्युज्जिह्व की पत्नी, जाम्बुमाली की जननी, ताड़का की नतिनी, मरीच की भांजी सूर्पणखा हूं। «Dainiktribune, 10월 15»
घर में डेंगू तो घर ही में है इलाज
जागरण संवाददाता, गुड़गांव : डेंगू का घरेलू इलाज भी है। गिलोय, तुलसी का पत्ता, आंवला, मरीच, लौंग, इलायची, पपीता और धनिया पत्ता इस बीमारी के इलाज में कारगर हैं। 6 से 7 इंच का गिलोय का तना या पंचाग दो गिलास पानी में उबालकर ठंडा कर लें। इसे हर ... «दैनिक जागरण, 10월 15»
स्वाइन फ्लू से डरें नहीं,सतर्कता जरूरी
टेमी फ्लू की दवाएं बताए अनुसार लें। डॉ. आरके पांडा, विभागाध्यक्ष, टीबी एंड चेस्ट, डॉ. अंबेडकर अस्पताल. आयुर्वेद में बचावः. महासुदर्शन धनवटी, संजीवनी वटी की दो-दो गोलियां दिन में 2-2 बार लें। तुलसी, काली मरीच, अदरक को चाय बनाते वक्त डालें। «Nai Dunia, 2월 15»
बढ़े हुए कॉलेस्ट्रॉल को आयुर्वेद की मदद से करें ठीक
सौंठ, मरीच व पीपल का चूर्ण में एक छोटी चम्मच दालचीनी मिला कर एक कप पानी में 10 मिनट के लिए भिगो दें, और छोड़ी देर बाद लें। स्वाद के लिए इसमें छोड़ा शहद मिला सकते हैं। इसे पीने से कफ दूर होता है औरकॉलेस्ट्रॉल भी नियंत्रित र हता है। सुबह के ... «ऑनलीमाईहेल्थ, 1월 14»