マラーティー語でअशुभはどんな意味ですか?
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マラーティー語辞典でのअशुभの定義
不吉な 1不条理; 望ましくない; 不幸。 ドラヴァフ; Ak- Sayyen M. Inhuman治療。 幸運の速い 2いたずら。 機能の仕事 3つの罪 アムの非人道的扱い。 の Phadkhamuketu。 ' -Ab 6.111 [No.] -V 1ばかげた; 虐待。 望ましくない; 悪い(外観、情報、意味、意味、ヨガ、動詞、 言葉、兆候、兆候、兆候など)。 .com-no アマルまたは 嫌な方法 。 1フェスティバルはありません そのような仕事や儀式。 エソテリック動詞 - 回答アクション。 2 Pachacharan; 近親相姦。 間違った [いいえ] .-ありがとう。 1悪い、悪い幸運、看板、影、料理; ダウト; 予期しない事。 「不気味な痕跡は極端です。 ランケマジ・ホッティ あまりにも多く。 いくつかの馬の違和感 - 「尾、ナット、角、 アンジャニ(日除け)、バイカスキュラー、凹凸、シングル、トリプル、ハイ、 Hinadanti、andavarta、adhikadanta、kalavadana、間違って、pancanakhi、Karale、 Ahimukha、tutapatta、vaniya、洗濯、asanakhau、sarpina、krsnam Jani、Khankhau、Gominipanch、Harinang、Paijani、Kakavart、Sar- 地震(幸福)、アカシア、カオス、苦悩、花崗岩、 Pusavarta、svetanjali、lendavarta、sunyamastaka、hrdavarta、nasavarta、POTA スペルチェック、talavarta、silavarta、netravarta、bhalalocana、vyaghrakanta、クリシュナ 宮殿、Kapul、Januwar、Arjal、Karnamul、Shimpa、Panchanakhi、 Mendhasukha、kharamukha、ravamukha、kaustuki、hayabhanga、kerasunya、半ば 象牙質、khuntiupada、流涙、senabhanjana、dhasi、potasula、khalato、 Rattandhal、Leidakhota、Mathshul、Padmut、Bloodthirsty、Sootat、 charlotte、dashto、buztoを食べる。 これとは別に、 ルド、トング、ロバ、爆弾が身体にぶら下がって座っていた 起き上がり、ひざまずいてから、もう一度やってください。 バウンス、ジャンプ、ランニングトリック、キックと喧嘩、 飛ぶために次のものは、疲れて、2フィートに立つ ナビゲーター、Panchvakh、Badrinakh(Hirinakh)、 Upayan、Jain Pathak、Tangavart、Mandavrat、Chitri、Shakhi、Dosina、 Ruikanti、Jambavarta、Panchparv Dudak、パパン。 अशुभ—न. १ अमंगलपणा; अनिष्ट; दुर्भाग्यता; दु्र्दैव; अक-
ल्याण म्ह॰ अशुभस्य कालहरणं । शुभस्य शीघ्रम. २ अनिष्ट कार्य;
अमंगल कार्य. ३ पातक. 'आमुच्या अशुभाशयाचा घातु । करिता
चरणधूमकेतू ।' -एभा ६.१११. [सं.] -वि. १ अमंगल; अभद्र;
अनिष्ट; प्रतिकूळ (देखावा, सूचना, मतलब, अर्थ, योग, क्रिया,
शब्द, खुणा, चिन्हें, लक्षणें वगैरे). ॰कर्म-न. अमंगल किंवा
तिरस्करणीय विधि. ॰आचार-पु. १ ज्यांत उत्सव-सुखसोहळा नाहीं
अशा तर्हेचें कार्य किंवा समारंभ; विशेषतः औध्वदैहिक क्रिया-
उत्तर क्रिया. २ पापाचरण; अनाचार; दुष्कर्म. [सं.] ॰चिन्ह- ॰लक्षण-न. १ अमंगल, अनिष्ट, चिन्ह-लक्षण, छाया, व्यंजन;
दुश्चिन्ह; अनिष्ट सूचक गोष्ट. 'अशुभचिन्हें अत्यंत । लंकेमाजि होति
बहुत ।'. घोडयाचीं कांहीं अशुभलक्षणें-'अंसुढाळ किंवा अंसुपात, शृंगी,
अंजनी (चांदणी), द्वयखुरी, कुखावर्त, एकांगुळ, त्रिकर्णी, थनी,
हीनदंती, अंडावर्त, अधिकदंत, काळवदन, विक्राळ, पंचनखी, कराळ,
अहीमुख, तुटपट्टा, वाणिया, वाशिंग, आसनखऊ, सर्पिण, कृष्णां-
जनी, खानखऊ, गोमीपांच, हरिणांग, पितअंजनी, काखावर्त, सार-
भूकण (सारभाजन), एकांडी, काळांजनी, अंगावर्त, दाढशृंखळ,
पुसावर्त, श्वेतांजली, लेंडावर्त, शून्यमस्तक, हृदावर्त, नासावर्त, पोटा-
वर्त, तळावर्त, शिळावर्त, नेत्रावर्त, भाळलोचन, व्याघ्रकांत, कृष्ण-
टाळू, कपिमुख, जानूवर्त, आर्जळ, कर्णमूळ, शिंपला, पंचनखी,
मेंढसुख, खरमुख, रावामुख, कौस्तुकी, हयभंग, केरसुण्या, मध्य-
दंती, खुंटीउपाड, अश्रुपात, सेनाभंजन, ढाशी, पोटसूळ, खळतो,
रातांधळ, लीदखातो, माथेशूळ, पडमुत, रक्तमुततो, पाण्यांत बसतो,
चर्हाटें खातो, डसतो, बुजतो. याशिवाय इतर खोडी-उत-
रड, चिमटा, डंकी, बोंबल्या, एका अंगावर झुलणें, बसला असतां
उठतांना गुडघे टेकून उठणें, मगरूरी करणें, फार हिंसणें, भित्रे
पणा, उड्या मारणारा, पळण्याची खोड, लाथ मारणें व भांडखोर,
पुढें आलेल्या जिनसावरून उडून जाणें, चावणें, दोन पायावर उभें
राहणें, नालबंदी करूं न देणें, पंचवाख, बांधरीनाख (हरिनाख),
उपानयन, जीनपाठक, तंगावर्त, मांडवर्त, चित्री, शाखी, दोसीना,
रुईकांती, जंबावर्त, पंचपर्व गुदक, पापवर्ण. घोड्याचे कांही अशुभ
भोंवरे-असलि, यकूब, सार्फान, सिपलक, सिंगन, कनहसलि, च्छपर-
खट (जनाजा), इतलसार, डंखउजाड, संगिनमाक, कुलुंज, सफा-
दारा, गातदार, मुरापा, चवडाशुंभ, मुत्लककूलफेदान, मुत्लकूल-
लर्जेन, मुलकूलयेसार, मुलकूलयोजान, मुलारत, चारगुल, खालदार,
चवदस्त, सिकल, गोवस्तान, कच्छि, तबरंगु, तस्मागर्दन, औसि-
कम, मर्दजान, मोथेवाला, चपरहडी, पोतेअलग, पोपेला, पेरोसोन,
अक्रबपेसानी, मापिरू, ढपल, सिकालपेसानी, सिकाल, खुंटेउखाड,
चांदसुरज, गजदंत, चकावळ, उंटाच्या दांतासारखे दांत असणारा,
उंच कपाळाचा, चालतांना बाहेर जीभ काढणारा, पाणी पितानां
पाण्यांत फार तोंड बुडविणारा, दाणा खाऊन शिल्लक कांहीं न ठेवणारा,
अंडावर गाईसारखें थान, सड व त्यावर केंस असणारा, एकांड्या,
अंडांत कोय नसणारा, काळ्या जिभेचा, एका अंगास झुलणारा,
छातीवर भोंवरा (वेड फोड) असलेला, कुसगोम, किरका-
वदाल, अदमचसव, खांडकुहा, हृदावळ, विषानैनी, पितानी' वगैरे.
-अश्वप ९३-१०६. या शब्दांच्या अर्थासाठीं ते ते शब्द पाहणें.
॰वर्तमान-न. वाईट बातमी; अमंगल, अनिष्ट बातमी. '(बिपश-
साहेबांच्या) अशुभवर्तमानानें फसून जाण्याइतके मूर्ख आतां आम्ही
राहिलों नाही. '-टिले २.५६२. [स.]
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«अशुभ»に関連するマラーティー語の本
以下の図書目録から
अशुभの使いかたを見つけましょう。
अशुभに関する本とマラーティー語文献で使われた文脈を提供するための簡単な抜粋文。
1
Dharma-Darshan Saamanya Evam Tulanatmak - पृष्ठ 109
साघनवादियों द्वारा कहा जाता है कि अशुभ द्वारा शुभ का उदय होता है । मिल ने इस सन्दर्भ में यह प्रश्न उठाया है कि बया वास्तव में अशुभ से शुभ का उदय होता है? अगर बम-यों और युवाओं की ...
2
Dharamdarshan Ki Rooprekha
बोन, जब आदि बीजी अशुभ के उदाहरण हैं : किसी भी रचना में यन-कुष्ठ दोष अवश्य रहता है : ऐसे दोषों को तात्विक अशुभ की संज्ञा दी गई है । अपृश्यता, शोषण, दरिद्रता सामाजिक अशुभ के उदाहरण ...
Harendra Prasad Sinha, 2008
3
Samkaaleen Bharatiya Darshan Swami Vivekanand, Sri ...
टेगोर का कहना है कि जगत सृष्टि में अपूर्णता है, किन्तु यह बात इतनी त्रासदायी नहीं है कि वह भयानक समस्या बन जाय, तथा लोग 'अस्तित्वको ही' अशुभ समझने लगें है टेगोर कहते हैं कि यह ...
4
गांधी दर्शन की रूपरेखा - पृष्ठ 34
किसी भी प्रकार अशुभ के लिए ईश्वर को उत्तरदायी मानने को तैयार नहीं है । संभवत: इसीलिए वे सभी प्यार के अशुभ के लिए मनुष्य को ही दोषी सिद्ध करते हैं । मानकों अशुभ के लिए मानब का ...
अखिलेश्वर प्रसाद दुबे, 2003
5
Greek & Medieval Philosophy: ebook - पृष्ठ 112
अशुभ का विचार-वास्तव में यदि ईश्वर परम शुभ हो तथा उसने विश्व की सृष्टि इसलिए की हो कि उसका शुभत्व इस विश्व में व्याप्त हो जाए, तो फिर विश्व में अशुभ क्यों? सर्वप्रथम, सन्त थॉमस ...
6
Sharir Sarvang Lakshan - पृष्ठ 44
अशुभ. शकुन. कुछ लेन की मान्यता है कि यदि बादल छाये रहें, बिजली भी कड़के, परन्तु पानी न बरसे तो कुछ अहाता शकुन है । यद्यपि यह किसी शास्त्र का विषय नहा पुराने लोगों के अनुभव पर ...
Dr. Radha Krishna Srimali, 2004
7
Arvind Sahaj Samantar Kosh: - पृष्ठ 97
अशुभ मुश; = अप गोरा अशुभ पान टा अपार अशुभ (नपा अस अशुभ.' अशुभ संभावना = आशया अशुभ त्रिकाल व अपन कार्य अशुभ समाचार के कुसमय' अशुभसूबय' = हत्गेत्काहया अशुभसूवप्त वि अव-यावर, अय-ण ...
Arvind Kumar , Kusum Kumar, 2006
8
Jatak Nirnay Vol.2 Kundli Par Vichar Karne Ki Vidhi
1, यदि शुक और मंगल सातवें भाव में युक्त हों तो जातक की पत्नी की मृत्यु हो जायेगी [ यदि प्रथम, सातवें और बारहवें भाव में अशुभ ग्रह स्थित हों और क्षीण चन्द्रमा पांचवें भाव में हो ...
B.V.Raman, Jade Ansari, 2007
9
Ishwar, Swatantrata Aur Amaratva - पृष्ठ 144
पर मनुष्य (की इस स्वत-बता के करण, उसके अपने चुनाव के कारण संसार में अशुभ है । ईश्वर मनुष्य की स्वतन्त्रता में हस्तक्षेप नहीं करता ययोंकि ऐसा बने से एक अबर शुभ की हानि हो जायेगी और ...
Shyam Kishore Sethi, 2009
10
Sachitra Jyotish Shiksha-Sahita Khanda - भाग 7
सूयाँ गुरु अशुभ योग-पति झगड़े प्रगट होते हैं । सांपतिश स्थिति व व्यापार पर अनिष्टकारी प्रभाव होता है देश में आरोग्यता अच्छी नहीं रहती । सूयाँ शनि एम योग---न्देश में खनिज व नौकर ...
用語«अशुभ»を含むニュース項目
国内外の報道機関が語った内容や、次のニュース項目の文脈から
अशुभという用語がどのように使われているかを調べてみましょう。
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भारतीय दुल्हन की बात आती है, तो दिमाग में सबसे पहला खयाल आता है लाल जोड़े में लिपटी दुल्हन का। प्राचीनकाल से ऐसे ही चला आ रहा है। भारत में तो लाल रंग के बिना किसी शादी की कल्पना भी नहीं की जा सकती। हिंदू धर्म में रिति-रिवाज और ... «पंजाब केसरी, 9月 15»
मंगलवार को इस अशुभ योग से रहें सावधान, जानिए पंचांग
जयपुर। 8 सितम्बर 2015 को मंगलवार है। इस दिन जयपुर में- सूर्योदय प्रातः 6.13 बजे, सूर्यास्त सायं-6.37 बजे, चंद्रोदय रात्रि-1.45 बजे, चंद्रास्त अपराह्न-3.24 बजे होगा। मंगलवार को शुभ वि.सं.- 2072, संवत्सर नाम- कीलक, अयन- दक्षिण, शाके- 1937, हिजरी- 1436, मु. «Rajasthan Patrika, 9月 15»
आप भी जानिए सितंबर 2015 के शुभ-अशुभ योग...
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कार्य-सिद्धि योग सकारात्मक ऊर्जा से सम्पन्न होते हैं। इसी कारण किसी भी नए कार्य को शुरू करने से पहले शुभ योग-संयोग को देख-परख लेना श्रेष्ठ होता हैं। अगर आपको किसी भी माह में नया कार्य आरंभ करना हो तो शुभ ... «Webdunia Hindi, 8月 15»
शनिवार को है ये अशुभ योग, बिगाड़ सकता है आपके काम
शनिवार को है ये अशुभ योग, बिगाड़ सकता है आपके काम ... ब्रह्म नामक नैसर्गिक शुभ योग पूर्वाह्न 11.53 तक, तदुपरान्त ऐन्द्र नामक नैसर्गिक अशुभ योग रहेगा। इस दौरान शुभ कार्य ... त्रिपुष्कर नामक योग में शुभ या अशुभ कार्य हो तो वह कुल तीन बार होता है। «Rajasthan Patrika, 8月 15»