ヒンディー語でउपराहीはどんな意味ですか?
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ヒンディー語辞典でのउपराहीの定義
エイリアス1 pc v0 [高] アップ A-(A)チャダヒ 禁止はあまりにもオーバーランです ガラブ・ケア・ヘッドは常に固定されています.-ジョイス (ワード0)。 (B)シセラを吹き飛ばして火をつける。 ホイールウェイ 栄光。 - ジョイス(単語0)。 उपराही १पु क्रि० वि० [हि० ऊपर]
ऊपर । उ०—(क) छाड़हि
बान जाहिं उपराहीं । गर्ब केर सिर सदा तराहीं ।—जायसी
(शब्द०) । (ख) सेंदुर आग सीस उपराहीं । पहिया तरवन
चमकत जाहीं ।—जायसी (शब्द०) ।
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«उपराही»に関連するヒンディー語の本
以下の図書目録から
उपराहीの使いかたを見つけましょう。
उपराहीに関する本とヒンディー語文献で使われた文脈を提供するための簡単な抜粋文。
1
Sūphī-kāvya kā dārśanika vivecana: 'Jāyasī ke paravarttī ... - Page 314
... निरूप सब जग उपराही है शाह के गुन सब गुनी कहार निगु/न होइ गुन समै सिखाने है परमात्मई अदितीय है है यह नाम रूपात्मक दुश्य जगत उसकी जात और सिफत कर कमाल है है अली मुराद ने भी अर्शतवाद ...
Bhāla Candra Tivārī, 1984
2
Jāyasī ke granthoṃ kā kāvyaśāstrīya saundarya
खिन तर होहि खिनहि उपराही ।.४ सागर की भेंवरों एवं लहरों के कारण जल मपन होते हुए जलयानों कया वास्तविक चित्रण, देश यात्रा खण्ड में किया गया है । इसमें जलयान के डूबने पर वह नष्ट-भ्रष्ट ...
3
Padmāvata kā kāvyavaibhava - Page 39
... अलर्क विख भरी : सिकरी पेम कहि गियं परी : अर्थात घुधिराले बाल रूपी जंजीरें प्रेमी के गले में गिरना ही चाहती हैं । इसी प्रकार मांग का वर्णन करते हुए लिखा है : पत मांग सीस उपराही ।
4
Hindī Sūfī kāvya meṃ Hindū saṃskr̥ti kā citraṇa aura nirūpaṇa
२मह जो जोति हीरा उपराही । हीरा दिपहि सो ।त्ल परक है जेहि दिन दसन जोति निभाई है बहुत जोति जोति ओहि भई है, रबि साँसे नखत बी-न्ह ओहि जोती है रतन पदारथ मानिक मोती है म क जा जह.
5
Rītikālīna Hindī-sāhitya, viśeshataḥ Bihārī-satsaī, meṃ ...
क्योंरी पदमावती के सौन्दर्य-वर्णन में जायसी ने लिखा है : बरनी माँग सीस उपराही है सेंदुर अहिं चढा जेहि नाहीं 1: ब---------' वे आगे लिखते हैं : कनक दुआदस बानि होइ चह १. पममा० ग्रं०, पृ० ७० ...
6
Hindī premagāthākāvya-saṅgraha
नबी के सुन नहि मोर अधारा " यहै रूप सबर जग उपराही । बहै, ... जग माहीं " माइन मोहि कूप महँ डारा : नयी कृप' कर मोहि निसारा " बहू देस सब गाहक मोर' । बंद डार तुम वजिह बनि " भये राज बाहा सम भोए ।
Gaṇeśaprasāda Dvivedī, Gulābarāya, 1953
वह सुजोति हीरा उपराही : हीरा जाति सो तेहि परछाहीं ।१ यहाँ दति उपमेय का गुण उपमान हीरा में आरोपित होने से तृतीय निक र्शना है । पर्थायोरि४ (1)1.91113181.8)-37 अपनी बात सीधी बह से न ...
Vipina Bihārī Trivedī, 196
8
Jāyasī kā Padamāvata: śāstrīya bhāshya
डोलहिं बोहित सर खाहीं । खिन तर होहिं खिनहि उपराही ।। राजै सो सत हिरदै बाँधा । जेहि सत टेक करै गिरि कां-धा है. खार समुद सो बाँधा, आए समुद जहं खीर । मिलै समुद वै सातौ, बेहर बेल नीर ।। : ।
Govinda Triguṇāyata, Malik Muhammad Jayasi, 1969
9
Kāsimaśāha kr̥ta Haṃsa javāhira: eka alocanātmaka adhyayana
देखिसि वरन रूप निरताई ।२ हुलसे कुच तेहि हिय उपराही 14 यई प्र-ह ब.-.] उ-र, 'पाधा-बत ।१' आज दुलह कस देखिये ।6 करे लाम अने मन जनाना ।त सहायक क्रिया 'होना' का खडीबोली रूप है अवधि में 'अहै' हो ...
10
Padamāvata....: Saṭīka.Malika Muhammada Jāyasī-kr̥ta - Volume 1
सबै देइ नित, घट न भेंडारू 1: जावत जरत हस्ति औ चाँटा : सब कह भूगुति राति दिन बाँटा 1: तस्कर सठ जो सब उपराही । मित्र सत्. कोह बिसरे नाहीं 1. आख पतंग न बिसरे कोई । परगट गुपुत जहाँ लगि होई 1: ...
Malik Muhammad Jayasi, Munshi Ram Sharma, 1970