ヒンディー語でअगोपिはどんな意味ですか?
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ヒンディー語辞典でのअगोपिの定義
Agopi Pu v I 明らかに 明らかに エクスプレス U-Gopi もし私がそう言うなら、この秘密を受け入れるのをためらってください。 美しい0GB、Bhabha 02、617ページ अगोपि पु वि० [सं० अगोप्य]
प्रकट । जाहिर । व्यक्त । उ०—गोपि
कहूँ तो अग पि क्हा यह गोपि अगोपि न ऊभौ न बैसा ।—
सुंदर० ग्रं०, भा०२, पृ० ६१७ ।
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«अगोपि»に関連するヒンディー語の本
以下の図書目録から
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अगोपिに関する本とヒンディー語文献で使われた文脈を提供するための簡単な抜粋文。
Sundaradāsa Rameśacandra Miśra. बस------------, उ-ब-चने एक कहूँ तो अनेक सौ नित एक अनेक नहीं कछु ऐसी : आदि कहूँ तिहि अन्तर आवत आदि न अंत न मध्य सु कैसी 1. गोपि कहूँ तौ अगोपि कहां यह गोपि अगोपि ...
Sundaradāsa, Rameśacandra Miśra, 1992
2
Dādūpantha evaṃ usake sāhitya kā samīkshātmaka adhyayana
गोपि कर-हूँ नौ अगोपि कहा यह, जाहि अगोपि न ऊभत् न बैल । जो कहूँ सोर है नहिं सुन्दर, है तो सही परि जैसो को तेसो ।।२ ब्रह्म, जीव एवम् माया सम्पूर्ण दर्शन का ताना बाना ब्रहा, जीव तथा ...
Keśavaprasāda Siṃha, 1971
3
Tulasī sāhitya: badalate pratimāna
एक कहूँ तो अनेक सौ दसे, एक अनेक नहीं कई ऐसी है आदि कहूँ तिहि अन आयत, आदि न अन्त न मध्य सुकैसौ है गोपि कहूँ तो अगोपि कहा, यह गोपि अगोपि न अभी न वैसी : 'तुलसी' ने कबीर के इस दोहे की ...
4
Hindī santa-sāhitya meṃ pratibimbita samāja, saṃvat 1400 ...
... पंक्तियों में मिल जाता है : एक कहूँ तो अनेक सौ दोसत, एक अनेक नहीं कभी ऐसो । आदि कहूँ तिहि अन आवत, आदि न अंत न मध्य सु केसी 1. गोपि कई तो अगोपि कहा, यह गोपि अगोपि न ऐसन न वैसी ।
5
Vākyaracanā bodha: Saṃskr̥ta vākyaracanā bodha
... मीनयने भूलते फलते पल-जयते वेल्यते भाबकर्म यम खादि असेधि अपनि, अध्यनि अपनि, अवनि अगोपि अताधि अधुपात्ये अलापि, अलधि अजहि१प अजापि है अजपि अबर अचीपि अचुरिब अजीम असम आलम अकार, ...
Mahāprajña (Ācārya), Nathamal (Muni), Śrīcandra (Muni.), 1990
6
Śleṣayamakacakravartī Veṅkaṭādhvarī-tatkr̥tīnām adhyayanam
७ १ अगोपि संख्या सोए नागों जाति विधुर । नागोषि न मदाहलादी मदाहालादी च सोपुपि सन् 1: वच1पृ९ ७२ साटीझाडित्यदर्ष स्कूटदनदूत्मठवं हि-जम्प स्कूर्ज२१र्जष्कदधरमकुटतटनटज्जाहानवी ...
Ji Svāmināthacāryulu, 1988
इ. स्मरशास्वविदासेयं नवल नसवया सखी । कवं संधुज्यते बाला कामना भाषण ।। नै० २०।३ह ई. स्मरनास्वमधीयारा शिक्षितासि मयेव यब । अगोपि सोपि कृत्वा कि दाम्पत्यव्यत्ययरत्वया ।। नै० २०।६४.
Caṇḍikāprasāda Śukla, 1992
8
Nalodayam: Muninr̥siṃhāśramakr̥tayā'nvayadīpikayā ...
२ । 1 मबय-य: अगोजा: अनि । य: ना वत्लनाबनागोपीत: (भर चचार [ य: केसात्देषमेव न इत: (अष्ट आगोपुपि । इत: येन भू: अगोपि ।1 २ ।। ऊलयक्षयेका-शेबनीति-य: ना औदृप: अग्रेज: देवम: भवाशात् अनि 1 योपुथवा ...
9
Jātaka-aṭṭhakathā: - Page 374
"कुसल-बेव में हैंस, अयो हंस जनामयं । अयो रट्टमिदं पीतं, धमीन मनुसासाई ।। 'रिह मोती अमचीसु, दोसी यशी न विज्जति । कच्ची व ते तव-ल्या, नावयन्होंले जीवितं ।। ''अगोपि में अमच्छेसु, दोसो ...
10
Saṃyuttanikāye Sāratthappakāsinī: Nidānavagga-aṭṭhakathā; ...
'थात्शनमगो पकाते, खादनीयनि अगोपि ययनं । लद्धा न सधिधि करेरा, न छ पस्तिसे तानि अलभमानो"ति ।। (सु० नि० ९३०) । ' इमें छोवदि अनुसार' यह पकाया यं यं लभते तारों ततो आगे यापनमरों गोला, ...