हिन्दी में अग्रिय का क्या अर्थ होता है?
हिन्दीशब्दकोश में अग्रिय की परिभाषा
अग्रिय १ वि० [सं०]
१. पहले उत्पन्न । पहले होनेवाला । २. श्रेष्ठ ।
उतम [को०] ।
अग्रिय २ संज्ञा पुं०
१. बड़ा भाई । २. पहला फल । ३. सर्वोत्तम
भाग [को०] ।
हिन्दी किताबें जो «अग्रिय» से संबंधित हैं
निम्नलिखित ग्रंथसूची चयनों में
अग्रिय का उपयोग पता करें।
अग्रिय aसे संबंधित किताबें और हिन्दी साहित्य में उसके उपयोग का संदर्भ प्रदान करने वाले उनके संक्षिप्त सार।.
1
Vedāmrtḁm: Vaidika darśana
जीवात्मा और परमात्मा सुखों की वर्षा करने वाले हैं और मनुष्य को आनन्दित करने वाले हैं, अत: इन्हें 'उक्षा' कहा गया है । उक्षा के दो भेदों का उल्लेख हैएक को 'अग्रिय: उक्षा' अग्रिम या ...
Kapiladeva Dvivedī, Bhāratendu Dvivedī, 1982
2
The Brihad aranyaka upanishad: with the commentary of ... - Volume 1
... उपनिषत्प्रामाण्यप्रतिषेधार्थ भवतेा वाकामुपनिषत्प्रामाण्यप्रतिषेध किं न करेायेवाग्रिर्वी रूपप्रकाशमथ करेाति यदि करेाति भवतु तदा प्रतिषेधार्थ प्रमाणं भवद्वाकयं अग्रिय ...
Hans Heinrich Eduard Röer, 1849
3
Vachaspatya: A Comprehensive Sanscrit Dictionary - Parts 1-3
वीराचामयिनो भूचा बुबुधे पार्थिवैः सहेति' पुरा० 1 अग्रिय इ० चये भवः चय-+ध ॥ जवेटधातरि । वेटे, उचाने, चयजातामात्रे च त्रि० ॥ “वन्ध्या अप्रिबा भवजीवि दा ० 1मा ० 1 श्रयीय ए • चये भवः ...
Tārānātha Tarkavācaspati Bhaṭṭācārya, 1873
4
Vyākaraṇacandrodaya: Strīpratyaya, Subanta, avyaya
१) जो शिव अपनी प्रिया के साथ नित्य युक्त होने पर भी निविषय मन वाले योगियों से भी बढ़कर (अग्रिय) है। 'पूर्व दिशा में' इस अर्थ में—आदित्यः पुरस्तादुदेति पश्चादस्तमेति, सूर्य पूर्व ...
... द्वयहीने द्वे प्रप्रधानोपसर्जने । --------------------------- इति यत्)अग्रीय:( प्रग्रे भव: इति छ)अग्रिय:( अग्रेभव : इति घ:)ये क्रम से १ न० १६ त्रि०=१७ नाम मुखिया के हैं। वत् इति सभानेऽर्थsव्ययम् ॥५५३ ...
6
Kāryavāhī: adhikr̥ta vivaraṇa - Volume 9, Issues 10-16
... अप्रशिक्षित शिक्षकों में लिये रुपये ८५–१४० और ९०–१७० होंगे तथा १० से १५ रुपये मंहगाई भत्ता होगा । शिक्षिका को प्रारंभिक अवस्था में तीन अग्रिय बेतन वृद्धियां दी जायेंगी ।
Madhya Pradesh (India). Vidhan Sabha, 1961
7
The Srauta Sutra of Apastamba, belonging to the Taittiríya ...
नमो अग्रिय' उपद्रप्रे नमो वायव उपाश्रोचे नम आदित्यायानुख्याचे। जुटामद्य देवेभ्यो वाचमुद्यासं स्वधावतौ' पिट्टभ्यः शुश्रुषेण्ड्यां मनुष्येभ्यः । प्रशास्त अात्मना प्रजया ...
Āpastamba, Richard Garbe, 1902
8
Vaidika-padānukrama-koṣaḥ - Volume 1, Issue 1
इन्द्रिय-शब्दस्य चापि तदानुपदिकत्वाजिपातनबलाचान्तोदात्तत्वस्य सुबोधत्वाद् मुख्यम् अग्रिय-शब्दमनुरुध्याचार्यस्य 'घच्छौ'(पा . ४, ४,११७) इत्येर्वप्रकारकश चकारानुबन्धनः ...
Vishva Bandhu Shastri, 1935
9
The White Yajurveda: ¬The Çatapatha-Brâhmaṇa in the ... - Volume 2
अबुषतावीवृधत मरुी ब्यायीsकृतति तदगिीयमाल्यभागमारु रिद्छ रुविर्लुषतावीवृधत मरही व्यायीsकृतति तय्ा ट्ष उभयत्राच्युत अग्रिय: पुरीडाशी भवति तमारु ॥ रै॥ श्रय ययादि्वतन् ।
10
Srauta Sūtra: with a commentary of Agniswāmī
... आयात्हि वीतय दृधितदादनि राथन्तराखज्यानि बाईतेषु पवख वचेा अग्रिय दृति प्रतिपत् आर्यि दूतं ढाणीमाह इवेतदादानि बाईतान्याज्यानि एतई विध्यम्IRI आज्व प्रतिपदावैशनकावे अन्य ...
Lāṭyāyana, Ānandacandra Vedāntavāgīśa, 1872