WAS BEDEUTET अनुपहत AUF HINDI
Hier klicken,
um die ursprüngliche Definition von «अनुपहत» auf Hindi zu sehen.
Hier klicken,
um die automatische Übersetzung der Definition auf Deutsch zu sehen.
Definition von अनुपहत im Wörterbuch Hindi
Anomalous v. 0 [nein] 1. Unpraktisch Leer Neu (Kleidung) 2. Was? Nicht kaputt gehen. Intakt [zu 0]. अनुपहत वि० [सं०]
१. अव्यवहृत । कोरा । नया (वस्त्र) । २. जो
टूटा न हो । अक्षत [को०] ।
Hier klicken,
um die ursprüngliche Definition von «अनुपहत» auf Hindi zu sehen.
Hier klicken,
um die automatische Übersetzung der Definition auf Deutsch zu sehen.
10 BÜCHER, DIE MIT «अनुपहत» IM ZUSAMMENHANG STEHEN
Entdecke den Gebrauch von
अनुपहत in der folgenden bibliographischen Auswahl. Bücher, die mit
अनुपहत im Zusammenhang stehen und kurze Auszüge derselben, um seinen Gebrauch in der Literatur kontextbezogen darzustellen.
1
Āyurveda ke mūla siddhānta evaṃ unakī upādeyatā - Volume 1
अन्नमयादि पंचकोश ७३ अनसूया -A) अपचय ३o o अनुगमन १३७ अपातानक २o५ अनुपाय ' ३६० अपरिसंख्येयता १९८ अनुपादेय ३० o अपरिसंख्येय रस gp अनुपहत्य २१५ | : अपथ्य परिहार काल १४ o अनुपहत पौरुष ३ ६३ ...
... से बहत दृष्टिवालों की अपेक्षा से है न कि अनाथ स्वभाव से युक्त अविद्या-तिमिर से अनुपहत ज्ञानवालों की अपेक्षा से । ता-वदन की औक से (तत्-:; भी भगवान् के वचन हैं; जैसे-माहे मिलुअर !
3
The Niti and Vairagya Satakas of Bhartrhari - Page 13
युवर्तानग्रे जन: युत्रति. जन: । गोरों युवतिजनस्य कथा: तासु मूवत्मात्र: । तृष्णाया: जाति: प्रवाह: तस्य ब्रिभङ्गदृ । न उप?: अनुपात: अनुपहत: बिधिश्रेस्थ । स्वग्धरप्लवृत्तम ।। प्रारम्यते न ...
एष शख्यान्वय प्राण आधातात निवृति:, पवन हरने सोम, सत्य वाक्य, काले शात्या प्रदान, बरवाम, युवतिजन कथा मूक भाव:, उगा स्रोत: विश्व:, गुण, विनय:, सर्वभूत अनुकम्पा, सर्वशाक्ति अनुपहत ...
Bhartr̥hari, Rayasam Venkata Rao, 1969
... पवित्र स्थान भी ममशाम, माय, बध., यर य-बक ( य-बि) ) से रहित स्थान की, कोमल एमबी की, अनुकूल जलसे, व्य" और होहिष आस से भरी, जिसमें हल न चलाहो ऐसी बलवनियब्दों से अनुपहत बम में उत्पन्न तथा ...
Vāgbhaṭa, Dharmanand Sharma, Atrideva Vidyalankar, 1962
... और जो कृमि आनि द्वतरा खाया न हो ( अनुपहत ) कृष्ण-भीम प्रशस्त भूमि का, मध्यम आयु का और बहे आकार कना उसम होता है : इसे क्षार निर्माणार्थ शुभ दिन में लेना चाहिए । तदन्तर इसको छोटे ...
7
Nyāyabinduprakaraṇam: Hindī-Ingliśarūpāntarasahitam - Page 32
प्रतिभा के कार्य की अनुपलब्ध : यथा-यहाँ ( धर्मी ) धुगोत्पति का अनुपहत सामाय रखने वाले कारण नहीं है ( सनाध्य ) : हेतु-चयनक धुम का अभाव है : ३. व्याप्त ( प्रत्यय ) का जो उयापक धर्म है, उसकी ...
Dharmakīrti, Dwarikadas Shastri (Swami.), 1985
... अनपहुंत-अनुल-अनुपहत और अदृष्टपभूत पकी 'श्रीकृष्ण' सत्यज्ञानानन्तानन्दमारिकरणते 'श्रीकृष्ण' १ ८ १ है था २ ० ० २ ० ४ २ ० ४ २ ( २ २२५ २ २९ २२९ २२९ २ ३ ० २४ १ २ ५ ० २५५ २५५ २ कि ८ २५९ २६१ २६३ २६४ २६७ २६८ ...
Hariharānandasarasvatī (Swami.), 1984
... यौवनआदिके विषयक अविकत्थना तथा चाचल्यसे अनुपहत को स्वाभाविक चित्तवृत्ति हो उसे बैर्य कहब । 1 तो चौसठों प्रकारके कामकलादिकोये जो निस्थाध्यसता (बिना सिम के प्रवृत्ति) ...
Caṇḍikāprasāda Śukla, 1983
10
BhotĚŁa desĚ a memĚŁ MaĚ„dhyamika darsĚ ana
... हो कर वस्तुओं की अपनी ओर से सत्तर निषेध्य है और उसका निषेध श-यता है है इस से चौजाखापा ने यह अर्थ निकाला है कि मध्यमकानोक के मत में अनुपहत ज्ञान के वश से स्थापित न होकर वस्तुओं ...
Thubatana ChogadĚŁuba, Ram Shankar Tripathi, 1989