与 «कीलना»相关的印地语书籍
在以下的参考文献中发现
कीलना的用法。与
कीलना相关的书籍以及同一来源的简短摘要提供其在 印地语文献中的使用情境。
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Arvind Sahaj Samantar Kosh: - Page 230
कील ४क्रिना हु८ कीलना. कीलन द्वार वशीकरण, कांअ-त. कीलना = लगाना. ब१लना है दोल जमाना, दोल तो-रुना, दोल लगाना, जस, जनाना, जय, तौलता, लगाता, मखना, मचिना, -उ२द्राड़ना. कील गुजरी स" ...
Arvind Kumar , Kusum Kumar, 2006
(२) नाक में पहनने कर एक छोटा आभूषण, औग ' बालन-संज्ञा है [स-] (१) रोक, रुकावट : (२) अंध कीलने की क्रिया : कीलना----क्रि. स० [ सं० कीलना (१) कील लगाना : (२) वल का प्रभाव नष्ट करना : जि) वश में करना ...
Premanārāyaṇa Taṇḍana, 1962
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प्रेरणा - साहित्यिक एवं सामयिक पत्रिका: Prerna Publication
काबू में लेने के लिए ठोस यतन कर इस प्रेतात्मा को कीलना होगा। यही इसकी मुक्ति का उपाय है।' - 'लेकिन महारज इस आत्मा का यहँों निवास कैसे हो गया....।' हरप्रीत ने जिज्ञासा प्रकट की।
स्वी०, अ१रिप, विनोद । कीलना, केन्नी, कध, स्वी०, कीड़ा । कीमा-गोलक, नस, खेलनेकी गेंद । कध-अ, हुआ । कीक्षा-भण्डक, नप, खिलौना । कध-मंडल, नदु०, कीडा-भूमि । कध-मनक, वि०, जिला-रि; एम खिलौना ।
Bhadant Ananda Kaushalyayan, 2008
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Laghutara Hindī śabdasāgara
पशुओं के शरीर मैं चिमटनेवाला एक कीया । हिय-ना-अक, दे० 'कुल-खाना' है कि-नम-सक, [ कीलना का प्रे० 1 कील जमना है तंत्रमंत्र द्वारा भूत" के विध-कारी कृत्य को रुकवा देना । जादू होना करा ...
Karuṇāpatī Tripāṭhī, 1995
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Amīra K̲h̲usaro kā Hindavī kāvya: Śpriṅgara saṅgraha kī ...
... सुख पाती है; 3. ऊब, 4. नारा, 5. दो 6. जवाहर-ए-अरबी : नारी में नारी बसे नारी में नर दोय दोनर में नारी बसे बूझे बिरला कोय (पृ० 26) 7. कीलना-----यधिज्ञार करना, मुंह बद करना; 8. आध: बाजाअटादफ; 9.
कील, कीलना, बाधना । तूल, तोलना, मापना । पूल, पूला करना, एकत्र करना है फल, फलना, फल लग/नया । कुल, चलू करना, चुलकना, ( आचमन करना, थोडा-थोडा दूध निकालना ) । पुत्र फूलना, विकसित होना । खेल ...
Parameśvarānanda Śāstrī, Pushpendra Kumar, Rudradeva Tripāṭhī, 1973
8
Hindī-sāhitya-sarvasva: Hindī ke pratyeka adhyāpaka aura ...
पहीको क्यों गोले-मिटाए चले जा रहे हो : नामधातु सबसे जो धातुएँ बनती है उन्हें नाम-धातु कह १- कील : कीलना है इन उदालणोंसे विदित होगा कि कुछ सं-ई केवल 'ना' प्रत्यय लगाकर ही क्रिया बन; ...
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Abhidhānarājendraḥ: - Volume 6
सत् सीखज्ञा: के तुम मले ' सि नेयं तय ममेया मि-तोयं से घूस" कलहावितवन्त:, तत-ई पूमि-खजा--; सत्वा अबयमख्याकप्रिति कृत्वा पुआदिभि२५ बाप्रयोषेणतालों कीलना कारित्२ति : उम प्रथम, य: ।
Vijayarājendrasūri, Bhūpendrasūri, Yatindravijaya (Muni.), 1985
10
Mahākavi Gaṅgādāsa, vyaktitva evaṃ kr̥titva - Page 206
ब्रह्मज्ञान चिंतामणि, पद 18 । वहीं । . करि, पद 23 । ब वही । . वहीं, पद " है . वहीं, पद 61 : इसी प्रकारसाल-- मित्र 1 शिलना-सहन होना : कीलना--वश में करना पूरन भक्त, पृ० 76 । 206 / महाकवि गंगादास है ...