अन्वाहार्य在印地语中的意思是什么?
点击查看«अन्वाहार्य»在印地语词典里的
原始定义。
在印地语 词典里अन्वाहार्य的定义
麻醉名词[NO] 1。 祭司祭司 Dakshina或食物。 2。 给'全明智的'[0]。 每月Shraddha 这是suddha sudhad 它靠近新月。 Darshan Shradha अन्वाहार्य संज्ञा पुं० [सं०]
१. पुरोहित को यज्ञ में दी जानेवाली
दक्षिणा या भोजन । २. दे० 'अन्वाहार्यश्राद्ध' [को०] ।
अन्वाहार्य श्राद्ध संज्ञा पुं० [सं०]
मासिक श्राद्ध । वह सपिंड श्राद्ध जो
अमावस्या के समीप किया जाता है । दर्शश्राद्ध ।
点击查看«अन्वाहार्य»在印地语词典里的
原始定义。
与 «अन्वाहार्य»相关的印地语书籍
在以下的参考文献中发现
अन्वाहार्य的用法。与
अन्वाहार्य相关的书籍以及同一来源的简短摘要提供其在 印地语文献中的使用情境。
1
Yajnatattvaprakasa-Chinnswami Shastri Virchit
ऋहिवादभिणा दर्शपूर्णमास में ऋरिवादक्षिणा 'अन्वाहार्य पचन४दक्षिगाग्नि में पकाया गया ओवन है है इसमें चार व्यक्तियों के भोजन के लिये पर्याप्त तष्ट्रल को पककर चारों बन्दियों ...
P. N. Pattabhiram Shastri, 1992
2
Mahābhārata: eka samājaśāstrīya anuśīlana
महाभारत में भी अन्वाहार्य को पितरों का आद्ध ही कहा गया है ( इसकी सम्पादन-विधि भी मनुष्य विधि से साम्य रखती है अन्वाहार्य महाराज पित/की अध्याय है तख्यामिर्षण विधिना विधि, ...
3
Śatapathabrāhmaṇa: Hindī Vijñānabhāṣya - Volume 4
... स तो तो तो मचमचम तो ति तो श्री गाहैंपत्याग्नि (पार्थिवानि) है औरनैधिधनडराजा अन्वाहार्य, पचन(दक्षिणाग्नि आन्तरिक्यान्दि) है है ऋहिवकू गसंपत्यारिन का आहरण दक्षिणारिन की ...
Gaṅgeśvarānanda (Swami.), Surajanadāsa (Swami.)
... निनयति साचिताय त्वा दिताय त्र्वकताय त्वेप्रिति पशुई वा पु एष पु आलभाते यत्पुरुयोडाश्रा कै| ५ कैई इसपर देवी ने यह दर्शपूर्णमास की दक्षिणा नियत की यह जो अन्वाहार्य नाम का भात ...
Buddhadeva Vidyālaṅkāra, Vedapāla Sunītha, Savitri Devi, 1990
5
Śuklayajurvedamādhyandinasaṃhitātr̥tīyādhyā yasamanvayabhāṣyam
इसीलिए यह कहा जाता है कि प्रतिदिन नैधिध नल (अन्वाहार्य पाचन, अर्थात दक्षिण') यम राजा (गहिंपत्याग्नि) को दक्षिण की ओर ले जाता है । तात्पर्य यह है कि गहृपत्यारिन दक्षिण भाग से ...
Surajanadāsa (Swami.), 1972
6
Amarkosha-Amarsingh Virachit ( Vishwanath Jha) Sampurna
... १ १ : : ० ४ १ ४९ ६८ २६ ३ ० १ ६ १ ३ ५६ ९४ ९४ ७ ३ ८ ८ : १ ३ ६ ( ४८ भी ५ अन्दा: अमय अबला अन्तिम अभय अभयं अव्यक्त अभिक्रम अभिवातिन् अभिजन चलव ८ ६ ७ ० अकल च अन्वाहार्य ७ ३ : जाउशजामनुक्रर्माचवर जाले ९ भी.
7
The Aitareya Bráhmana of the Ṛg-Veda: with the commentary ...
with the commentary of Sáyana Áchárya Satyavrata Sámaśramí. शष् ब्द! अच्छावाकशास्त्रम् चप्रचछावाकौया अतिचकुन्दा: • चतिजागतम् • अतिमर्शम् • चअतिवाद: • • • चतिशंसनम् • • चतिशसार्थढटच: ...
Satyavrata Sámaśramí, 1896
8
Sriman Mahabharatam - Volumes 1-2
५ अन्वाहार्य महाराज पिवयाँ आद्या-ले । तखाहिषेपविधिना विधि: प्रथमभीपत: 11 ६ संन्दिह:सु गोले कते आई पितामह । अपिण्डान्वाहार्थके आर्य कुकीमासानुमासिकद है पितृयवं तु निह ...
T. R. Krishnacharya, T. R. Vyasacharya, 1909
9
Śrautakośaḥ: Śrautakośa : encyclopaedia of Vedic ... - Volume 2, Part 1
... ५८६ अन्वारध्या: ६८० असम ३२७ अन्वारमषेष्टि: ५१६ अव्यय: ५८७ अन्यावृचा: १९९ अन्वाहार्य: ५१८, ५९७, ५९८ अद्धवाहार्यपचन: ६५४, ६८० औ अपसुरीयसू २६६ अपध्यान्तसू २८५ अपना: १९९ अपनिधनए ३६३ अपसदन् २९३ ...
Dhuṇḍirāja Gaṇeśa Dīkshita Bāpaṭa, 1970
10
Vaidika yajñānuṣṭhāna vidhiḥ: sampūrṇa ...
... देनी हो उसको दक्षिणा ही दें है यमन में महल ने स्पष्ट लिखा है :"अन्वाहार्य पद पुरुषचलेष्टयाहारपाक पर्वाप्तरि" यानी चार व्यक्तियों के भोजन वाक करने के आवश्यक बर्तन होने चाहिएँ ।
Rameśa Vānaprastha (Muni.), 1989