与 «अँगुरि»相关的印地语书籍
在以下的参考文献中发现
अँगुरि的用法。与
अँगुरि相关的书籍以及同一来源的简短摘要提供其在 印地语文献中的使用情境。
चुरी चारु जे भूषन करके: आलबाल किय मनहुँ मैंन माली सुरतरु के ।।७७।। कमल पानि दल अँगुरि बूढ़ महिन लपटानी । छाला बजत सिल मन] हसरत कहत कहानी ।।७८।। दुतिय हाथ लिब अमल कमल कलफूल फिराक ।
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Padamāvata kā kāvya-śilpa - Page 84
घर के भेद लंक असि टूटी:' (घर का भेदी लंका गो) करनी सार न कथनी कथा.; (करनी में सार है कथनी में नहीं ) सुधी अँगुरि न निकसै घर (सीधी उँगली से धी नहीं निकलता) बाउर अंधपेम कर तुबुधा8 (प्रेम ...
... चाबुक मारों जात मरजादा के परे य, मिले न आदर कोह बढी अँगुरि जो पाँच सो, सुभ न कहैं, बुध सोइ धर्म-मार्ग हय-सत्य चढि जायें वायुयान जोन देस मरु-यक जन-चिता नृप दूगो, प्रजा सहित सुख पाव ...
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Satyārthaprakāśa kavitāmr̥ta: Satyārtha Prakāśa kā ... - Volume 1
अँगुरि पर गिरि अमुक उठाये, सागर में ने पत्थर र्तरायै। चाद किया दो टुकहं भाई, जन्मा ईश्वर मिली बधाई। मानस के सिर भांग उगावें, बंध्या सुत का ८ विवाह करावे । कोरी गप्प असंभव जैना, ...
Swami Dayananda Sarasvati, Jayagopāla (Paṇḍita.), Rāmagopāla Śāstrī, 2000
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Hindī pradeśa ke loka gīta
नी नी नी आम क पल्लव कंगन बास, ब्रह्मा वेद पड" गो, मेल विवाह चलल राम कोहबर सीता ले अँगुरि धरावि यो है"' इस प्रकार सम्मति के गीतों में विभिन्न व्यक्तियों को आर्मात्रित करने के ...
Kr̥shṇadeva Upādhyāya, 1990
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Sūra-sāgara: vistr̥ta pāṭhāntara aura ṭippaṇī-sahita - Volume 1
लख लि-मुदित जसोषा र्जनन्हों, पाछे फिरत गहन अँगुरि-कर । मोरों धेनु त-न-चरत बच-हित, प्रेम-पुलक पय सक-पयोधर ।। कुंडल लोल कपोल-विराजत, लर-लट-जिह लदुरियाँ भा-पर । "सूरदास" अवलोकेंन्ह की ...
Sūradāsa, Javāharalāla Caturvedī, 1965
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Hindī satasaī paramparā meṃ Dayārāma satasaī
बिन बिबेक बसु व्यय किये, सोभा कोउ न पाय है फूल बसुरी रस न जान, अँगुरि बिना लगाय ।: भाषा में पर्याप्त विद. भी मिलती है 1 दयाराम में केवट वाली विनय के साथ विदग्धता है । वे कहते है----: ।
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Dūshanollāsa. Govindadāsa kṛta. Sampādaka Benībahādura Siṅha
मनु घनश्याम सरूप दिव्य दामिनि कांसे लीनी ।।७६।। कंकन पौन चुरी चारु जे भूषन करके : आलबाल किय मन] मैन माली सुरतरु के ।२७७।। कमल पानि दल अँगुरि बूढ़ महिम. लगानी । छला बजत सित मन] हससुत ...
Rasika Govinda, Beni Bahadur Singh, 1965
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Paṃ. Banārasīdāsa Caturvedī: vyaktitva aua kr̥titva - Page 432
... धर अँगुरि बरजोरनि, (औचक पाय : सहपाठी सठ सिगरेट, ले सुलग" ।:ओं महाल-निराला' की स्मृतियों से संपृक्त संस्मरण में हैव. चतुर्वेदी जी ने उनकी एक लयात्मक कविता का भी उल्लेख किया है ।
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Kumāla-bhāshāko adhyayana: laghu-śodhaprabandha
अगतिली अनका-ना- आँगन/प्रदान अगला-ना. आली अग-डि-कियो. अगाडि उतारा / धप-रा/काला/नो- अँगार/ कोइला अंगोला घ/लइ-टु. अँगाली हास्तु आँरिना--ना. अवेनुआगो बाली ठाउँ अँगुरि अंगुलि-ना ...
Hīrāmaṇi Śarmā Pauḍyāla, 1986