"सप्तर्षि तारामंडल": अवतरणों में अंतर
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14:43, 19 जुलाई 2012 का अवतरण
सप्तर्षि तारामंडल पृथ्वी के उत्तरी गोलार्ध (हेमीस्फ़ेयर) के आकाश में नज़र आने वाला एक तारामंडल है। इसे फाल्गुन-चैत महीने से श्रावण-भाद्र महीने तक आकाश में सात तारों के समूह के रूप में देखा जा सकता है। इसमें चार तारें चौकोर तथा तीन तिरछी लक़ीर में रहते हैं। इन तारों को काल्पनिक रेखाओं से मिलाने पर एक प्रश्न चिन्ह का आकार प्रतीत होता है। इन तारों के नाम प्राचीन काल के सात ऋषियों के नाम पर रखे गए हैं। ये क्रमशः क्रतु, पुलह, पुलस्त्य, अत्रि, अंगिरस, वाशिष्ठ तथा मारीचि हैं। इसे एक पतंग का आकार भी माना जा सकता है जो कि आकाश में डोर के साथ उड़ रही हो। यदि आगे के दो तारों को जोड़ने वाली पंक्ति को सीधे उत्तर दिशा में बढ़ायें तो यह ध्रुव तारे पर पहुंचती है। दूसरी शताब्दी ईसवी में टॉलमी ने जिन 48 तारामंडलों की सूची बनाई थी यह तारामंडल उनमें भी शामिल था।
अन्य भाषाओँ में
अंग्रेज़ी में सप्तर्षि तारामंडल को "अरसा मेजर" (Ursa Major), "ग्रेट बेयर" (Great Bear) या "बिग बेयर" (Big Bear) कहा जाता है - इन सब का अर्थ "बड़ा भालू" होता है। इसे अमेरिका और कनाडा में "बिग डिप्पर" (यानि बड़ा चमचा) भी कहा जाता है।
तारे
कुल मिलकर सप्तर्षि तारामंडल में 93 तारों को बायर नाम दिए जा चुके हैं, जिनमें से 13 के इर्द-गिर्द ग़ैर-सौरीय ग्रह परिक्रमा करते हुए पाए गए हैं। इस तारामंडल के सात मुख्य तारे इस प्रकार हैं -
नाम | अंग्रेज़ी नाम | बायर नाम | चमक (मैग्नीट्यूड) |
दूरी (प्र॰व॰) |
---|---|---|---|---|
क्रतु | Dubhe | α UMa | 1.8 | 124 |
पुलह | Merak | β UMa | 2.4 | 79 |
पुलस्त्य | Phecda | γ UMa | 2.4 | 84 |
अत्रि | Megrez | δ UMa | 3.3 | 81 |
अंगिरस | Alioth | ε UMa | 1.8 | 81 |
वशिष्ठ | Mizar | ζ UMa | 2.1 | 78 |
मारीचि | Alkaid | η UMa | 1.9 | 101 |
गैलेक्सियाँ
सप्तर्षि तारामंडल में कई गैलेक्सियाँ भी पाई गई हैं। इनमें मॅसिये 81 नामक सर्पिल गैलेक्सी है, जो आकाश में सबसे रोशन गैलेक्सियों में से एक है। इस तारामंडल के क्षेत्र में मॅसिये 82 नामक गैलेक्सी भी है जिसे अपने आकार की वजह से सिगार गैलेक्सी भी कहा जाता है। यहाँ हमसे 2.5 करोड़ प्रकाश-वर्ष दूर स्थित चकरी गैलेक्सी (पिनव्हील गैलेक्सी) भी स्थित है। कुल मिलकर सप्तर्षि तारामंडल में लगभग 50 गैलेक्सियाँ देखी जा चुकी हैं।
धार्मिक ग्रंथों के सप्तर्षि मण्डल
हिन्दू धर्म में विष्णु पुराण के अनुसार, कृतक त्रैलोक्य -- भूः , भुवः और स्वः – ये तीनों लोक मिलकर कृतक त्रैलोक्य कहलाते हैं। सप्तर्षि मण्डल शनि मण्डल से एक लाख योजन ऊपर का मण्डल है।
इन्हें भी देखें
बाहरी कड़ियाँ
- सात सितारों के रूप में सप्तर्षि (वेबदुनिया)