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"सदस्य:चंद्र शेखर/प्रयोगपृष्ठ": अवतरणों में अंतर

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छो कुछ कार्य।
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Simberg is one of the key artists of Finnish symbolism. His works feature a gallery of fantasy characters, including angels, devils and Death, depicted in an inimitable fashion.
The early 1890s was a time of change in fine art. A new style, Symbolism, emerged to complement art that sought to depict the visible world. At that time, Simberg, who studied in traditional and academic Ateneum picked up his courage and wrote to Axel Gallén*, who was building a ‘wilderness studio’ in Ruovesi, and asked to be accepted as a private student.


१८९० के दशक के प्रारंभिक वर्ष ललित कला में बदलाव का समय था। एक नए तरीके, प्रतीकवाद जो दर्शनीय संसार के चित्रण को और अधिक पूर्ण करता था, का उभार हुआ। उस समय सिम्बर्ग जो कि पारम्परिक रूप से शैक्षिक अटेनियम में शिक्षा ग्रहण कर रहे थे ने बहुत साहस करके एक्सेल गैलेन जो रूवेसी में 'वाइल्डरनेस स्टुडियो' का निर्माण कर रहे थे को लिखकर अनुरोध किया और उनके यहाँ एक निजी छात्र के रूप में प्रवेश माँगा।
१८९० के दशक के प्रारंभिक वर्ष ललित कला में बदलाव का समय था। एक नए तरीके, प्रतीकवाद जो दर्शनीय संसार के चित्रण को और अधिक पूर्ण करता था, का उभार हुआ। उस समय सिम्बर्ग जो कि पारम्परिक रूप से शैक्षिक अटेनियम में शिक्षा ग्रहण कर रहे थे ने बहुत साहस करके एक्सेल गैलेन जो रूवेसी में 'वाइल्डरनेस स्टुडियो' का निर्माण कर रहे थे को लिखकर अनुरोध किया और उनके यहाँ एक निजी छात्र के रूप में प्रवेश माँगा।
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घोड़ा "द इन ऑफ़ द डॉन हॉर्स" नामक एक अन्य चित्र में उपस्थित एक हाइना के जैसी ही जमी हुई अवस्था में है। यहाँ घोड़ा हरे भरे परिदृष्य में स्वछंद भ्रमण करता हुआ नहीं दिखता है। वह जल पर तैरते हुए बर्फ़ के एक टुकड़े पर फंसा हुआ है और बर्फ के टुकड़ों में जमा हुआ है। यह दर्शा सकता है कि उसका हृदय हमेशा ही मैक्स अर्न्स्ट का रहेगा। अपनी जमी हुई निगाहों और बेजान आंखों के साथ सफेद दर्शनीय घोड़े की तुलना फुसेली के "द नाइटमेयर" में उपस्थित घोड़े के साथ की जा सकती है। अर्न्स्ट के द्वारा ले जाया जा रहा लालटेन किसी प्रयोगशाला की बोतल के जैसा है और कलाकार को किसी अकेले रसायनज्ञ के रूप में प्रदर्शित करता है। अंदर की ओर छोटा घोड़ा इस रिश्ते में लिओनोरा के संघर्ष और कष्टों को दिखाता है। यह इस दौर की अनिश्चितताओं और चिंताओं को दर्शाता है। - टोनी गौपिल
घोड़ा "द इन ऑफ़ द डॉन हॉर्स" नामक एक अन्य चित्र में उपस्थित एक हाइना के जैसी ही जमी हुई अवस्था में है। यहाँ घोड़ा हरे भरे परिदृष्य में स्वछंद भ्रमण करता हुआ नहीं दिखता है। वह जल पर तैरते हुए बर्फ़ के एक टुकड़े पर फंसा हुआ है और बर्फ के टुकड़ों में जमा हुआ है। यह दर्शा सकता है कि उसका हृदय हमेशा ही मैक्स अर्न्स्ट का रहेगा। अपनी जमी हुई निगाहों और बेजान आंखों के साथ सफेद दर्शनीय घोड़े की तुलना फुसेली के "द नाइटमेयर" में उपस्थित घोड़े के साथ की जा सकती है। अर्न्स्ट के द्वारा ले जाया जा रहा लालटेन किसी प्रयोगशाला की बोतल के जैसा है और कलाकार को किसी अकेले रसायनज्ञ के रूप में प्रदर्शित करता है। अंदर की ओर छोटा घोड़ा इस रिश्ते में लिओनोरा के संघर्ष और कष्टों को दिखाता है। यह इस दौर की अनिश्चितताओं और चिंताओं को दर्शाता है। - टोनी गौपिल


==फर्घाना नहर==ड़े
<nowiki>==फर्घाना नहर==</nowiki>

आज हम प्रदर्शनी "रेड स्टार ओवर रशिया: ए रिवोल्युशन इन विज़ुअल कल्चर 1905 – 55 " (रूस के उपर लाल सितारा: दृश्य संस्कृति में एक क्रांति १९०५-५५) से एक और चित्र आपके लिए लाए हैं जो कि अभी कुछ समय पहले ही लंदन में टेटे मॉर्डर्न में दर्शाया गया था (नवंबर 2017 – फरवरी 2018)। जर्नल, कागज़ पर मुद्रित था।
"रेड स्टार ओवर रशिया: ए रिवोल्युशन इन विज़ुअल कल्चर 1905 – 55 " (रूस के उपर लाल सितारा: दृश्य संस्कृति में एक क्रांति १९०५-५५) से एक और चित्र अभी कुछ समय पहले ही लंदन में टेटे मॉर्डर्न में दर्शाया गया था (नवंबर 2017 – फरवरी 2018)।


सोवियत संघ में निर्माण (यूएसएसाआर इन कंस्ट्रक्शन) एक पत्रिका थी जो हर माह मॉस्को से १९३० से १९४१ तक प्रकाशित होती थी जिसकी रचना सोवियत नागरिकों को देश में बड़े पैमाने पर हो रहे निर्माण कार्यों के बारे में बताने और सोवियत संघ को एक अग्रणी औद्योगिक शक्ति के रूप में प्रदर्शित करने के लिए की गई थी। सोवियत कर्मचारियों को नायकों के जैसे मुस्कुराते हुए और कर्मचारियों द्वारा किए जा रहे विकास कार्यों से हो रहे बदलाओं से स्फूर्तिवान और दृढ़ होते हुए दिखाया गया था। उस समय के कई प्रमुख आलेख रचनाकार (ग्राफ़िक डिज़ायनर), छायाचित्रकार और कलाकार मुख्य पृष्ठ की संरचना के जिम्मेदार थे। १९४० के इस मुखपृष्ठ जिसकी संरचना एल लिस्सित्स्की और उनकी पत्नी सोफ़ी लिस्सित्स्की-कुपर्स ने मैक्स एल्पर्ट के छायाचित्र की सहायता से किया था १६० ००० उज़्बेक और ताज़िक खेतिहर मजदूरों में से एक को दर्शाता है जो अपने काम के उस उपकरण को दिखा रहा है जिसकी सहायता से नहर को बनाने के लिए संक्लपित है जो फर्घाना घाटी के सूत के खेतों की सिंचाई का काम करेगी। यह उद्यम स्टैलिन के रूस में साम्यवाद के अंतर्गत औद्योगिकरण और खेती के सामूहीकरण के प्रयास को दर्शाता है। मुखपृष्ठ इमानदारी से किये गए कठिन कार्यों से मिलने वाले नतीजों का एक सकारात्मक संदेश देता है साथ ही स्टैलिनराज के गुणों को भी दिखाता है। सिंचाई के पानी की अधिक उपलब्धता होने से सूत की फसल दोगुनी हो गई थी।
सोवियत संघ में निर्माण (यूएसएसाआर इन कंस्ट्रक्शन) एक पत्रिका थी जो हर माह मॉस्को से १९३० से १९४१ तक प्रकाशित होती थी जिसकी रचना सोवियत नागरिकों को देश में बड़े पैमाने पर हो रहे निर्माण कार्यों के बारे में बताने और सोवियत संघ को एक अग्रणी औद्योगिक शक्ति के रूप में प्रदर्शित करने के लिए की गई थी। सोवियत कर्मचारियों को नायकों के जैसे मुस्कुराते हुए और कर्मचारियों द्वारा किए जा रहे विकास कार्यों से हो रहे बदलाओं से स्फूर्तिवान और दृढ़ होते हुए दिखाया गया था। उस समय के कई प्रमुख आलेख रचनाकार (ग्राफ़िक डिज़ायनर), छायाचित्रकार और कलाकार मुख्य पृष्ठ की संरचना के जिम्मेदार थे। १९४० के इस मुखपृष्ठ जिसकी संरचना एल लिस्सित्स्की और उनकी पत्नी सोफ़ी लिस्सित्स्की-कुपर्स ने मैक्स एल्पर्ट के छायाचित्र की सहायता से किया था १६० ००० उज़्बेक और ताज़िक खेतिहर मजदूरों में से एक को दर्शाता है जो अपने काम के उस उपकरण को दिखा रहा है जिसकी सहायता से नहर को बनाने के लिए संक्लपित है जो फर्घाना घाटी के सूत के खेतों की सिंचाई का काम करेगी। यह उद्यम स्टैलिन के रूस में साम्यवाद के अंतर्गत औद्योगिकरण और खेती के सामूहीकरण के प्रयास को दर्शाता है। मुखपृष्ठ इमानदारी से किये गए कठिन कार्यों से मिलने वाले नतीजों का एक सकारात्मक संदेश देता है साथ ही स्टैलिनराज के गुणों को भी दिखाता है। सिंचाई के पानी की अधिक उपलब्धता होने से सूत की फसल दोगुनी हो गई थी।
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डेलाक्रोइक्स की सरदानापालुस की मृत्यु एक खास वजह से विवादित और ध्रुवीकरण करने वाली थी: यह एक नवशास्त्रीय चित्र नहीं था। डेलाक्रोइक्स के लिए मुख्य चरित्र सरदानापालुस था, एक ऐसा राजा जो लोगों और ऐशोआराम की वस्तुओं सहित अपनी सभी सम्पत्तियों को अति हिंसा की रक्तरंजित की चिता में जला देना चाहता था। यह व्यक्ति कोई नायक नहीं था। डेलाक्रोइक्स का सरदानापालुस नवशास्त्रीय परम्पराओं के विपरीत था, जो की सादे रंगों, कठोर जगहों और एक नैतिक विषय वस्तु की पक्षकार थीं। उसने अग्रसंक्षेपण कर मृत्यु के दृष्य को घुमाते हुए सीधे देखने वालों के जहन तक पहुँचाने का काम किया था, जो कि पारम्परिक शैक्षणिक चित्रकला में सादे क्रम के विपरीत था। एक समीक्षक ने तो चित्र को "कुरूपता का कट्टरपन" तक कह दिया था।
डेलाक्रोइक्स की सरदानापालुस की मृत्यु एक खास वजह से विवादित और ध्रुवीकरण करने वाली थी: यह एक नवशास्त्रीय चित्र नहीं था। डेलाक्रोइक्स के लिए मुख्य चरित्र सरदानापालुस था, एक ऐसा राजा जो लोगों और ऐशोआराम की वस्तुओं सहित अपनी सभी सम्पत्तियों को अति हिंसा की रक्तरंजित की चिता में जला देना चाहता था। यह व्यक्ति कोई नायक नहीं था। डेलाक्रोइक्स का सरदानापालुस नवशास्त्रीय परम्पराओं के विपरीत था, जो की सादे रंगों, कठोर जगहों और एक नैतिक विषय वस्तु की पक्षकार थीं। उसने अग्रसंक्षेपण कर मृत्यु के दृष्य को घुमाते हुए सीधे देखने वालों के जहन तक पहुँचाने का काम किया था, जो कि पारम्परिक शैक्षणिक चित्रकला में सादे क्रम के विपरीत था। एक समीक्षक ने तो चित्र को "कुरूपता का कट्टरपन" तक कह दिया था।


We encourage you to read about the best-known work of the artist "Liberty Leading The People" in today's article in DailyArt Magazine.
यह चित्र एक अधिक विशाल कृति की प्रतिलिपि हीहै जो कि अभी मुसे डी लुवरे में स्थित है। डेलाक्रोइक्स ने शायद संग्रहालय में रखे इस संस्करण को १८४६ में बड़ी कृति को बेचने से पहले अपने लिए चित्रित कर लिया होगा।
यह चित्र एक अधिक विशाल कृति की प्रतिलिपि हीहै जो कि अभी मुसे डी लुवरे में स्थित है। डेलाक्रोइक्स ने शायद संग्रहालय में रखे इस संस्करण को १८४६ में बड़ी कृति को बेचने से पहले अपने लिए चित्रित कर लिया होगा।

12:14, 5 दिसम्बर 2022 का अवतरण

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१८९० के दशक के प्रारंभिक वर्ष ललित कला में बदलाव का समय था। एक नए तरीके, प्रतीकवाद जो दर्शनीय संसार के चित्रण को और अधिक पूर्ण करता था, का उभार हुआ। उस समय सिम्बर्ग जो कि पारम्परिक रूप से शैक्षिक अटेनियम में शिक्षा ग्रहण कर रहे थे ने बहुत साहस करके एक्सेल गैलेन जो रूवेसी में 'वाइल्डरनेस स्टुडियो' का निर्माण कर रहे थे को लिखकर अनुरोध किया और उनके यहाँ एक निजी छात्र के रूप में प्रवेश माँगा।

गुरु के सकारात्मक उत्तर ने सिम्बर्ग के पेशेवर जीवन में एक नए अध्याय के शुरुवात की आधारशिला रख दी थी। सिम्बर्ग के लिए रुवोसी में बिताया समय उनकी अपनी रचनात्मकता को ढूँढने का काल था। शहरी जीवन की भागमभाग और जिम्मेद्दारियों को पीछे छोड़ते हुए उनका अब अचानक से फिनिश जंगलों और अंधेरे पतझड़ के मौसम से सामना हुआ था।


१८९५ में बनाई गई, परी कथा १ सिम्बर्ग की उन प्रमुख कृतियों में से एक है जिसमें प्रकृति के शक्तिशाली प्रभावों, सिम्बर्ग के काल्पनिक संसार और उनके कलात्मक लक्ष्यों को एक बिल्कुल ही नए रूप में पिरो दिया गया है।


मेरी समझ से एक कलाकृति वो कार्य है जो मुझे दूसरी दुनिया के बारे में बताती है और मुझमें उन भावनाओं को जगाती है जिसे कलाकार कहना चाहता है। यह आवश्यक है कि यह मुझे उन बातों को सोचने पर विवश करने वाली होनी चाहिए जिसके बारे में हम प्रतिदिन नहीं सोचते और इसकी छवि और इससे उपजे विचार मेरे मष्तिष्क में लंबे समय तक बने रहने चाहिए। यह बेहद स्पष्ट है कि ऐसा प्राकृतिक रह कर किया जा सकता है लेकिन यह और भी स्पष्ट है कि इसे शैलीकरण के जरिए और आसानी से किया जा सकता है।

- ह्युगो सिम्बर्ग अपने जुडवा भाई पॉल सिम्बर्ग को २ फरवरी १८९६ को लिखे एक पत्र में। ह्युगो सिम्बर्ग अभिलेखागार, फिनिश राष्ट्रीय दीर्घा।


डेलीआर्ट में आज, पब्लिक डोमेन, शुरुवाती सेमी, इंच, कैनवास पर तैल चित्रण

हेनरी रैबर्न, एक स्वशिक्षित स्कॉटिश चित्रकार, एलन बंधु (जेम्स और जॉन ली एलन के स्वचित्र) के माध्यम से रूमानी दौर के स्वचित्र चित्रण की एक श्रेष्ठ प्रस्तुति देते हैं। इन दो चित्रों वाले स्वचित्र में एक बडा भाई है और एक युवा भाई है जो विभिन्न शैलियों में अलग अलग कार्यों में लिप्त हमारी ओर देख रहे हैं। इस क्षण में हमें उनके यौवन की उर्जा का एहसास होता है, वो किसी साहसिक कार्य के लिये तैयार प्रतीत हो रहे हैं। वो कोई घुड़सवार भाला-युद्ध खेल खेल रहे हो सकते हैं या केवल पुरानी रखी टोपियों को डंडे से मार रहे हों, फिर भी अच्छे से औपचारिक कपड़े पहने हुए और सावधानी की मुद्रा में हैं। एक भाई खडा है जबकि दूसरा एक बेंच पर पैर फैलाए हुए है। यहाँ पूरा ध्यान तो भाईयों की ओर है लेकिन फिर भी आसमान, एक बेंच और माहौल को सावधानी से गहरे रंगों और चौड़ी रेखाओं से चित्रित किया गया है।


ऱैबर्न ने एडिनबर्ग में १५ वर्ष की उम्र में एक नौसिखिए सोनार के रूप में काम शुरु किया था और उसके बाद १७६० में लोगों के छोटे चित्रों को बनाने की अपनी प्रतिभा को पहचानते हुए चित्रकारी शुरु की। इसके बाद वो पूरी तरह से पूर्ण तैल चित्रण के क्षेत्र में उतर गये जहाँ उनके स्वशिक्षित कार्यों को सम्मान और पुरस्कार मिला। उनका अच्छा विवाह हुआ और आर्थिक स्वावलंबन और सुरक्षा मिलने से उनकी भेंट लंदन के रोयल अकादमी के अध्यक्ष सर जोशुआ रेनॉल्ड्स से हो पाई और वो इतिहास के महान कलाकारों के बारे में पढने इटली जा पाए। वो स्कॉटलैंड लौटे और व्यक्तिगत (पोट्रेट) चित्रों के चित्रकार के रूप में बढियाँ पेशेवर जीवन जिया। प्रारंभिक रेखाचित्रों में यकीन ना रखने वाले वो केवल जीवंत रूप में अपने सामने बैठे हुए व्यक्ति का चरित्र बखूबी गढ़ देते थे। रंगों और प्रकाश का उपयोग करने के उनके तरीके अनूठे और कल्पनाशील हैं। छोटे चित्रों को बनाने के रेबर्न के कौशल ने उन्हें विशाल चित्रों को चित्रित करने वाले उनके पेशे में बहुत सहायता की। - ब्रैड एलेन

हेलेन

रॉबर्ट हेनरी (१८६५-१९२९) एक अमेरिकी चित्रकार और शिक्षक थे जो कि सामान्य पृष्ठभूमि वाले आम लोगों के प्रगाढ़ चित्रण के लिए जाने जाते थे। वो अपने कार्यों मे जीवन का साहसी हिस्सा दिखाना चाहते थे और उस समय प्रसिद्ध कुलीन और ललित विषयों के विरुद्ध थे। परिवार के न्यूयॉर्क जाने के बाद हेनरी ने अपनी पहली कलाकृति १८ वर्ष की उम्र में चित्रित की। कला के क्षेत्र में पेशेवर काम करने की अपनी इच्क्षापूर्ति के लिये हेनरी विदेश पढ़ने गए और पेरिस के प्रसिद्ध और सम्मानित इकोल डी ब्युक्स ऑर्ट्स में प्रवेश पाया जहाँ उन्होंने शैक्षिक यथार्थवाद के शैली की पढ़ाई की।

अंतत: हेनरी न्यूयॉर्क लौट आए जहाँ उन्होंने पेरिस में सीखी हुई अकादमिकता को छोड़ दिया और शहरी यथार्थवाद पर ध्यान देते हुए चित्रकारी शुरु की जिसमें कामकाजी लोग और संबंधित परिदृश्य चित्रित किए गये थे। उन्होंने ऐश्कैन विद्यालय की शुरुवात की और इस आंदोलन के आध्यात्मिक पिता कहलाए। ऐश्कैन विद्यालय अकादमिक चित्रकारी की कलाओं की उपेक्षा करते हुए जीवन को और अधिक यथार्थवादी परिपेक्ष्य में दर्शाता है जो उनके समय और अनुभव के बारे में बताता है।

उनकी रूचि गतिशील समरूपता में भी हुई जो कि चित्रकला में नियमों और संयोजन को परिभाषित करने वाली एक जटिल प्रणाली है। उनका बनाया हुआ चित्र हेलेन इसी प्रणाली द्वारा चित्रित उनके कुछेक कलाकृतियों में से एक है। हेनरी ने मजबूती से जोर देकर बनाई हुई रेखाओं और गहरे रंगों का प्रयोग करके उसकी त्वचा के पीलेपन की तुलना में अंतर दिखाकर चित्र में चमक और प्राण भर दिए।

रॉबर्ट हेनरी की ६४ वर्ष की उम्र में कैन्सर की वजह से मृत्यु हो गई जिसके बाद मेट्रोपॉलिटन कला संग्रहालय में उनकी ७८ कलाकृतियों की स्मारक प्रदर्शनी लगाकर उन्हें सम्मानित किया गया है।

हेईदी वर्बर

मैक्स अर्न्स्ट का स्वचित्र

लिओनोरा कैरिंग्टन (१९१७-२०११) एक अतियथार्थवादी चित्रकार और लेखिका थीं। एक अंग्रेज उद्योगपति की बेटी कैरिंग्टन ने अपना बचपन जानवरों से घिरे हुए परीकथाएँ (कुछ उन्होंने स्वयं लिखीं) और कहानियाँ पढ़ते हुए एक रियासत में बिताया। अपनी जवानी में उन्होंने इन यादों को स्वपनिल चित्रों के ज़रिए जिया। लिओनोरा के मैक्स अर्न्स्ट के साथ रूमानी संबंध थे लेकिन द्वितिय विश्व युद्ध ने उन्हें अलग कर दिया। दुश्मन ने उसे जेल में डाल दिया था। लिओनोरा स्पेन में बच के भाग गई लेकिन इसके बाद अवसादग्रस्त हो गई क्योंकि वो अपने प्रेमी को बचा नहीं पाई। उसने कुछ समय एक मानसिक अस्पताल में बिताया और फिर मेक्सिको चली गई। मैक्स अर्न्स्ट का यह चित्र उस जीवनकाल की एक गवाही है।

यह चित्र जो कि बहुत ही प्रतीकात्मक और रहस्यपूर्ण है व्याख्याओं की उपेक्षा करता है। मैक्स अर्न्स्ट एक जादूगर के जैसे लाल फर का कोट और पट्टीदार मोजे पहने हुए है। किसी चिड़िया के जैसी वेशभूषा अर्न्स्ट की कलाकृतियों में मौजूद सभी पक्षियों के होने का संकेत कराती है। एक और चित्र है जिसमें मैक्स अर्न्स्ट १९५८ के एक समारोह में एक चिड़िया के जैसी वेशभूषा पहने हुए है। मैक्स के बर्फीले सफेद बाल उसके आसपास के आर्कटिक के परिदृष्य से मिलते जुलते हैं।

सफेद घोड़ा संभवत: लिओनोरा के परिवर्तित स्वाभिमान को दर्शाता है। घोड़ा चित्रकार के कुल जानवर जैसा भी प्रतीत होता है चूंकि वह इनकी अधिकांश कलाकृतियों में एक नायब प्रतिनिधि के रूप में उपस्थित है। घोड़ा "द इन ऑफ़ द डॉन हॉर्स" नामक एक अन्य चित्र में उपस्थित एक हाइना के जैसी ही जमी हुई अवस्था में है। यहाँ घोड़ा हरे भरे परिदृष्य में स्वछंद भ्रमण करता हुआ नहीं दिखता है। वह जल पर तैरते हुए बर्फ़ के एक टुकड़े पर फंसा हुआ है और बर्फ के टुकड़ों में जमा हुआ है। यह दर्शा सकता है कि उसका हृदय हमेशा ही मैक्स अर्न्स्ट का रहेगा। अपनी जमी हुई निगाहों और बेजान आंखों के साथ सफेद दर्शनीय घोड़े की तुलना फुसेली के "द नाइटमेयर" में उपस्थित घोड़े के साथ की जा सकती है। अर्न्स्ट के द्वारा ले जाया जा रहा लालटेन किसी प्रयोगशाला की बोतल के जैसा है और कलाकार को किसी अकेले रसायनज्ञ के रूप में प्रदर्शित करता है। अंदर की ओर छोटा घोड़ा इस रिश्ते में लिओनोरा के संघर्ष और कष्टों को दिखाता है। यह इस दौर की अनिश्चितताओं और चिंताओं को दर्शाता है। - टोनी गौपिल

==फर्घाना नहर==

"रेड स्टार ओवर रशिया: ए रिवोल्युशन इन विज़ुअल कल्चर 1905 – 55 " (रूस के उपर लाल सितारा: दृश्य संस्कृति में एक क्रांति १९०५-५५) से एक और चित्र अभी कुछ समय पहले ही लंदन में टेटे मॉर्डर्न में दर्शाया गया था (नवंबर 2017 – फरवरी 2018)।

सोवियत संघ में निर्माण (यूएसएसाआर इन कंस्ट्रक्शन) एक पत्रिका थी जो हर माह मॉस्को से १९३० से १९४१ तक प्रकाशित होती थी जिसकी रचना सोवियत नागरिकों को देश में बड़े पैमाने पर हो रहे निर्माण कार्यों के बारे में बताने और सोवियत संघ को एक अग्रणी औद्योगिक शक्ति के रूप में प्रदर्शित करने के लिए की गई थी। सोवियत कर्मचारियों को नायकों के जैसे मुस्कुराते हुए और कर्मचारियों द्वारा किए जा रहे विकास कार्यों से हो रहे बदलाओं से स्फूर्तिवान और दृढ़ होते हुए दिखाया गया था। उस समय के कई प्रमुख आलेख रचनाकार (ग्राफ़िक डिज़ायनर), छायाचित्रकार और कलाकार मुख्य पृष्ठ की संरचना के जिम्मेदार थे। १९४० के इस मुखपृष्ठ जिसकी संरचना एल लिस्सित्स्की और उनकी पत्नी सोफ़ी लिस्सित्स्की-कुपर्स ने मैक्स एल्पर्ट के छायाचित्र की सहायता से किया था १६० ००० उज़्बेक और ताज़िक खेतिहर मजदूरों में से एक को दर्शाता है जो अपने काम के उस उपकरण को दिखा रहा है जिसकी सहायता से नहर को बनाने के लिए संक्लपित है जो फर्घाना घाटी के सूत के खेतों की सिंचाई का काम करेगी। यह उद्यम स्टैलिन के रूस में साम्यवाद के अंतर्गत औद्योगिकरण और खेती के सामूहीकरण के प्रयास को दर्शाता है। मुखपृष्ठ इमानदारी से किये गए कठिन कार्यों से मिलने वाले नतीजों का एक सकारात्मक संदेश देता है साथ ही स्टैलिनराज के गुणों को भी दिखाता है। सिंचाई के पानी की अधिक उपलब्धता होने से सूत की फसल दोगुनी हो गई थी।


सैमसन और डेलीलाह

हिब्रु बाइबल में बुक ऑफ़ जज़ेज के सोलहवें अध्याय में उल्लेखित एक महिला है। न्यायाधीषों की पुस्तक सैमसन, नजरथ का एक निवासी जो कि बहुत शक्तिशाली है और इज़रायल का अंतिम न्यायाधीष है, उसका प्रेमी है। डेलीलाह को फिलिस्तीन के सरदारों द्वारा उसकी शक्ति का स्रोत पता लगाने के लिए घूश की पेशकश की जाती है। तीन बार की नाकाम कोशिश के बाद आखिरकार वो सैमसन से यह कुबुलवाने में सफल रहती है कि उसकी अपार शक्ति का राज उसके बालों में छिपा है। जब वो सो रहा होता है तो डेलीलाह एक नौकर को आदेश देती है कि उसके बाल काट दिए जाएँ ताकि वो कमजोर हो जाए और उसे फिलिस्तीनियों को सौंपा जा सके।

यह दृष्य यहाँ देखा जा सकता है, डेलीलाह की आगोश में सैमसन नाटकीय ढंग से हल्की नींद में सोया हुआ है। फिलिस्तीनी सैनिक पास खड़े इस काम के खत्म होने की प्रतीक्षा कर रहे हैं कि वो उसे बंदी बना सकें। वैन डिक के इस दृश्य में डेलीलाह पर ध्यान केंद्रित है। चित्र में प्रकाश उसकी ही ओर केंद्रित है जबकि किनारों पर अंधेरा है। वो आभूषण पहने हुए अर्धनग्नावस्था में महंगे जड़ीदार सूती धागे से बने बिस्तर पर आलीशान रेशमी वस्त्रों में लिपटे हुए पड़ी हुई है। डेलीलाह की सफेद दूधिया रंग वाली त्वचा सांवले सैमसन से बिल्कुल अलग दिखती है जो कि केवल एक लंगोट में लिपटा हुआ है। नाई के हाथों में भेंड़ों के बाल काटने वाले बड़े चाकू जैसा कोई औजार दिखाकर वैन डिक इस दृष्य को और नाटकीय बना देते हैं।


ईताई पुल से त्सुकुदाज़िमा, क्रम ४

डेलीआर्ट में आज: इडो के १०० प्रसिद्ध दृश्य कागज पर लकड़ी के टुकड़े से मुद्रण

मुझे इस लकड़ी के टुकड़े के शांत वातावरण से प्यार है। किसी समंदर किनारे की शांत रात की मैं ऐसे ही कल्पना करता हूँ। इडो की खाड़ी में यह दृष्य इस शृंखला के उन कुछ ही मुद्रित चित्रों में से एक है जिसमें हिरोशिगे ने तारों वाली रात का चित्रण किया है। मछली मारने वाली नावें त्सुकुदाज़िमा द्वीप से आई हैं जिन्हें आप चांदनी रात की रोशनी में देख सकते हैं। इस क्षेत्र में शोगुन के कर्मचारी मछुआरे छोटी आर पार दिखने वाली मछलियों शिराऊ (सफेद मछली) को पकड़ रहे हैं, जिसके स्वाद को स्वयं शोगुन बहुत पसंद करते थे।

स्व-चित्र

फिनिश राष्ट्रीय चित्रदीर्घा ने अपने संग्रह में से उत्कृष्ट कृतियों की प्रतिकृतियों का मुद्रण जल्द ही शुरु किया है। यूरोपियाना की सहायता से हम उनके कार्यों को अगले दो रविवारों तक प्रदर्षित करेंगे। आनंद लें! एलिन डैनियलसन-गैम्बोगी एक फिनिश चित्रकार थीं जिन्हें उनके यथार्थवादी कार्यों और चेहरे के चित्रों (पोर्ट्रेट) के लिये ज्यादा जाना जाता है। फिनिश महिलाओं की उस पहली पीढ़ी, कथित "चित्रकार बहनें" वाली पीढ़ी का हिस्सा थीं जिन्होंने चित्रकारी की पेशेवर शिक्षा हासिल की।

अपने बचपन से ही एलिन ने कला में एक प्राकृतिक प्रतिभा का प्रदर्शन किया। १५ वर्ष की उम्र में वो हेलसिंकी चली गईं जहाँ उन्होंने फाइन आर्ट्स अकादमी में पढ़ाई शुरु की। १८८३ में वो पेरिस चली गईं जहाँ उन्होंने कोलारोस्सी अकादमी में पढ़ाई की, जबकी गर्मियाँ ब्रिटनी में चित्रकारी करते हुए बिताईं।

छात्रवृति मिलने के बाद १८९५ में वो फ्लोरेन्स चली गईं। एक साल बाद वो एंटीग्नैनो गाँव चली आईं जहाँ उनकी मुलाकात और शादी इटैलियाई चित्रकार रैफेलो गैम्बोगि (१८७४-१९४३) से हुई। उन्होंने पेरिस, मिलान और फ्लोरेन्स सहित कई फिनिश शहरों में प्रदर्शनियाँ लगाईं।


उन्होंने स्वयं को आधे में चित्रित किया है शीशे या देखने वाले की तरफ हल्का मुड़े हुए। वो एक हाथ में एक तैल पट्टिका और दूसरे में एक पतला ब्रश पकड़े हुए हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि वो अपना स्व-चित्र दायें हाथ से चित्रित कर रही हैं लेकिन शीशे में चीजें बदल जाती हैं, यानि बायाँ हाथ दाएँ हाथ के जैसा दिख रहा है। जो सही है? पार्ष्व में पतला परदा प्रकाश को हल्का कर देता है। चित्रकार का सिर प्रकाश के प्रभामंडल से घिरा हुआ है। क्या वहाँ रोशनदान के आलावा भी प्रकाश का कोई स्रोत है? कलाकार स्वयं को देख कैसे रही है?

सरदानापालुस की मृत्यु

१७९८ में आज ही के दिन फर्डीनंड विक्टर युजीन डेलाक्रोइक्स, एक फ्राँसीसी रूमानी चित्रकार जिन्हें अपने पेशेवर दिनों से ही फ्रांसीसी रूमानी विद्यालय के नेता की उपाधि हासिल है, पैदा हुए थे। इस चित्र का विषय लॉर्ड बाइरोन की १८२१ में एक असीरीयाई राजा सरदानापालुस की जीवन पर लिखी गई एक नाटकीय कविता से प्रेरित है। अपने महल को दुश्मनों से भरा पाने पर वह आत्महत्या करने का निर्णय लेता है लेकिन उसके पहले वह अपने अधिकारियों को अपनी पत्नी, उसकी सहायिकाएँ, घोड़ों और यहाँ तक की कुत्तों सहित सभी कीमती सम्पत्तियों और वस्तुओं को अपने सामने नष्ट करने का आदेश देता है। डेलाक्रोइक्स ने पहले इस चित्र को सैलोन में १८२७-२८ के दौरान प्रदर्शित किया, जहाँ इसे बेहद कटु आलोचना झेलनी पड़ी।

डेलाक्रोइक्स की सरदानापालुस की मृत्यु एक खास वजह से विवादित और ध्रुवीकरण करने वाली थी: यह एक नवशास्त्रीय चित्र नहीं था। डेलाक्रोइक्स के लिए मुख्य चरित्र सरदानापालुस था, एक ऐसा राजा जो लोगों और ऐशोआराम की वस्तुओं सहित अपनी सभी सम्पत्तियों को अति हिंसा की रक्तरंजित की चिता में जला देना चाहता था। यह व्यक्ति कोई नायक नहीं था। डेलाक्रोइक्स का सरदानापालुस नवशास्त्रीय परम्पराओं के विपरीत था, जो की सादे रंगों, कठोर जगहों और एक नैतिक विषय वस्तु की पक्षकार थीं। उसने अग्रसंक्षेपण कर मृत्यु के दृष्य को घुमाते हुए सीधे देखने वालों के जहन तक पहुँचाने का काम किया था, जो कि पारम्परिक शैक्षणिक चित्रकला में सादे क्रम के विपरीत था। एक समीक्षक ने तो चित्र को "कुरूपता का कट्टरपन" तक कह दिया था।

यह चित्र एक अधिक विशाल कृति की प्रतिलिपि हीहै जो कि अभी मुसे डी लुवरे में स्थित है। डेलाक्रोइक्स ने शायद संग्रहालय में रखे इस संस्करण को १८४६ में बड़ी कृति को बेचने से पहले अपने लिए चित्रित कर लिया होगा।