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Rajasthan Exclusive: सरकार पर 70 हजार करोड़ का कर्ज, फिर भी खजाना खाली, योजनाओं के लिए नहीं पैसे

Sourabh Bhatt सौरभ भट्ट
Updated Fri, 24 May 2024 07:48 PM IST
सार

राजस्थान सरकार पर कर्ज का पहाड़ 70 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। इसके बाद भी योजनाओं के हाल बेहाल है। योजनाओं में भुगतान करने के लिए सरकार के पैसे नहीं है। इसी वजह से महीनों से भुगतान लंबित चल रहा है। 

Exclusive: Rajasthan Government Under 70 Thousand Crore Debt, Still Don't Have Money To Pay for Schemes
ग्राफिक्स - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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राजस्थान सरकार पर बीते एक साल में कर्ज का पहाड़ बेतहाशा बढ़ा है। 68 हजार करोड़ रुपये से अधिक का बजटीय कर्ज हो चुका है। इसके अलावा बोर्ड और कॉर्पोरेशन को गिरवी रखकर भी हजारों करोड़ बाजार से उठाए हैं। इसके बाद भी खजाना खाली ही है। हैरानी इस बात की है कि इतना पैसा आखिर गया कहां? पंचायतों से लेकर अस्पतालों में फ्री इलाज तक के लिए सरकारी योजनाएं ठप पड़ी है क्योंकि हजारों करोड़ रुपये का भुगतान ही नहीं हुआ है। 



इन दिनों सरकारी विभागों की तरफ से वित्त मार्गोपाय विभाग को दनादन चिट्ठियां लिखीं जा रही है। यह योजनाओं के बकाया भुगतान को लेकर है। भुगतान एक-दो माह का नहीं लंबे अरसे से लंबित है। हालात यह है कि जुलाई में प्रदेश की भजनलाल शर्मा सरकार नया बजट पेश करने जा रही है और यहां हजारों करोड़ रुपए की पुरानी पेंडेंसी चुकने का नाम नहीं ले रही।
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कहां कितना बकाया 

  • सामाजिक सुरक्षा पेंशन का 1000 करोड़ रुपये अप्रैल माह का और जनवरी से लेकर मार्च तक का करीब 800 करोड़ रुपये पेंडिंग है। मई माह भी खत्म होने को है। इसके बाद जून की 1000 करोड़ रुपये की पेंडेंसी और जुड़ जाएगी। 
  • पंचायतों का 2022 से भुगतान रोका हुआ है। सरपंच संघ के बंशीधर गड़वाल का कहना है कि एसएफसी का 2022 से भुगतान नहीं किया गया है। करीब 3400 करोड़ रुपये का भुगतान पेंडिंग है।
  • आरजीएचएस के 500 करोड़ रुपए के बिल भुगतान को अटके हुए हैं जिसके चलते कर्मचारियों को न समय पर दवा मिल पा रही है और न ही इलाज।
  • राइट टू एजुकेशन के 200 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं हुआ है, जिससे गरीब बच्चों के स्कूलों में एडमिशन प्रभावित हो रहे हैं।
  • अन्नपूर्णा योजना का भी एक हजार करोड़ रुपए बकाया है।


क्या मुख्य सचिव के आदेश इन पर लागू होंगे
मुख्य सचिव सुधांश पंत सरकारी तंत्र को दुरुस्त करने के लिए लगातार कार्रवाई कर रहे हैं। शुक्रवार को ही उन्होंने कार्मिक विभाग को पत्र लिखा है जिसमें भ्रष्ट और नाकारा अफसर तथा कर्मचारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने के लिए विभागों को हर माह सूची तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। वे सरकारी दफ्तरों का दौरा कर रहे हैं। समय पर नहीं आने वाले कर्मचारियों को सस्पेंड करने तक की कार्रवाई की जा रही है। बड़ा सवाल यह है कि सरकारी खजानों की ऐसी दुर्दशा करने वाले अफसरों पर वे क्या कार्रवाई करेंगे?

राजकोष का दुरुपयोग करने वालों के लिए क्या कोई सजा नहीं?
हालत यह है कि सरकार में कभी डबल पेंशन जा रही है, कभी एडवांस सैलेरी, कभी मृतकों के खातों में वेतन पेंशन चली जाती है तो कभी इन-सर्विस कर्मचारी के खातों में पेंशन बेनेफिट्स जा रहे हैं। जो कर्मचारी रिटायर हो रहे हैं, उन्हें महीनों से पेंशन बेनेफिट्स जारी नहीं हो रहे हैं।

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