चीन में सीपीसी की बैठक पर दुनिया की नजरे
चीन में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) का 18वां राष्ट्रीय सम्मेलन गुरुवार से शुरू होने जा रहा है, जिस पर दुनियाभर की नजरें टिकी...
चीन में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) का 18वां राष्ट्रीय सम्मेलन गुरुवार से शुरू होने जा रहा है, जिस पर दुनियाभर की नजरें टिकी हैं। इसे कवर करने के लिए करीब 1,400 मीडिया कर्मियों ने आवेदन दिया है। चीनी मीडिया का कहना है कि यह सम्मेलन चीन की किस्मत तय करने में महत्वपूर्ण साबित होगा।
चीनी समाचार पत्र 'चाइना डेली' में प्रकाशित एक लेख में कहा गया है कि अगले पांच वर्ष या उससे अधिक अवधि के दौरान चीन किस दिशा में बढ़ेगा, इसकी झलक इस सम्मेलन से मिल सकती है। समाचार पत्र के अनुसार, ''इस साल कई देशों में चुनाव हो रहे हैं। दुनियाभर की नजर सीपीसी के सम्मेलन पर है। वे जानना चाहते हैं कि चीन किस तरह स्थितियों का आकलन करेगा और शांतिपूर्ण रास्ते पर आगे बढ़ेगा तथा दुनिया को प्रभावित करेगा।''
इसमें कहा गया है कि एक ओर जबकि वैश्विक अर्थव्यवस्था आर्थिक सुस्ती के दौर से गुजर रही है और दुनिया इससे उबरने की कोशिश में जुटी है, चीन अपने आर्थिक विकास के मॉडल को बदलने की दिशा में है।
सीपीसी के 18वें राष्ट्रीय सम्मेलन को कवर करने के लिए दुनियाभर से 1,400 से अधिक पत्रकारों ने आवेदन दिया है। ऐसा पहली बार हो रहा है जब इतनी बड़ी संख्या में पत्रकार यहां जुटेंगे। इससे पहले वर्ष 2007 में हुए पार्टी सम्मेलन को 300 समाचार एजेंसियों के 744 विदेशी पत्रकारों ने कवर किया था।
चीनी समाचार पत्र 'ग्लोबल टाइम्स' के अनुसार, मीडिया सेंटर के एक अधिकारी ने कहा, ''हम विदेशी पत्रकारों के आवेदन का स्वागत करते हैं, लेकिन सीमित स्थान एवं संसाधनों के कारण हमें इस पर पुनर्विचार करना पड़ सकता है कि कितने मीडिया कर्मियों को प्रत्येक बैठक में जाने दिया जाए।''
इस बीच, सम्मेलन से ठीक दो दिन पहले समाचार पत्र 'चाइना डेली' ने सीपीसी से भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने और इससे प्रभावी तरीके से निपटने का आह्वान किया है। अखबार ने इस तरफ भी ध्यान आकर्षित किया है कि पिछले पांच वर्षो में पार्टी के छह लाख 60 हजार सदस्यों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई हो चुकी है।
'चाइना डेली' में मंगलवार को प्रकाशित सम्पादकीय में कहा गया है कि नवम्बर 2007 से इस साल जून तक छह लाख 60 हजार सदस्यों के खिलाफ की गई अनुशासनात्मक कार्रवाई और संदिग्ध अपराधों के लिए 24 हजार से अधिक मामलों को न्यायिक प्राधिकार के पास भेजा जाना इस बात को दर्शाता है कि सीपीसी भ्रष्टाचार को लेकर गम्भीर है। लेकिन लोग भ्रष्टाचार से लड़ाई के मुद्दे पर और अधिक संकल्पबद्ध तथा प्रभावी कार्रवाई चाहते हैं।